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मुंबई: कम उम्र के टू व्हीलर और फोर व्हीलर चालकों के माता-पिता हो जाए सावधान। मुंबई सहित राज्य में बढती सड़क दुर्घटनाओं पर नियंत्रण पाने के लिए महाराष्ट्र राज्य परिवहन विभाग एक्शन मोड पर आ गया है। विभाग ने एक अधिसूचना जारी कर कहा है कि मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार,जिन माता-पिता के नाबालिग बच्चे बिना लाइसेंस के मोटरसाइकिल व कार और अन्य गाड़ी चलाते हुए पकड़े जाते हैं तो, उन बच्चों के पेरेंट्स को 25 हजार रुपये का भारी जुर्माना भरना होगा और संभावित रूप से तीन साल तक की जेल भी हो सकती है। सूत्रों के मुताबिक,राज्य परिवहन विभाग ने मोटर वाहन अधिनियम के इस प्रावधान को सख्ती से लागू करने का फैसला किया है। बता दें कि विभाग ने न केवल माता-पिता पर भारी जुर्माना लगाने का फैसला किया है,बल्कि कम उम्र के ड्राइवरों को 25 साल की उम्र तक ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने से भी प्रतिबंधित कर दिया जाएगा।

महाराष्ट्र में हर साल लगभग 15 हजार लोगों की चली जाती है जान 

गौरतलब है कि ट्रैफिक पुलिस यातायात को दुरुस्त रखने और लोगों को हादसों से बचाने के लिए तरह-तरह के प्रयास कर रही है। सड़क दुर्घटनाओं के कारण महाराष्ट्र में हर साल लगभग 15 हजार लोगों की जान चली जाती है, इनमें से आधे से अधिक दुर्घटनाएं जनवरी 2022 और दिसंबर 2022 के बीच हुईं जिनमें दोपहिया वाहन चालक शामिल थे,जिसके परिणामस्वरूप 7,700 मौतें हुईं। इस मुद्दे को व्यापक रूप से संबोधित करने के लिए, परिवहन आयुक्त का निर्देश माता-पिता और कम उम्र के ड्राइवरों दोनों को लक्षित करते हुए परामर्श सत्र की आवश्यकता पर भी जोर देता है। सड़क सुरक्षा और कानूनी जागरूकता पर परामर्श प्रदान करके, अधिकारियों का लक्ष्य सुरक्षित वातावरण को बढ़ावा देना और सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली जानमाल की हानि को कम करना है। राज्य  परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों (आरटीओएस) को दोपहिया वाहन चालकों के लिए अधिनियम के प्रावधानों को लागू करने को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया गया है, विशेष रूप से धारा 18 के सख्त कार्यान्वयन पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जो 20 वर्ष से कम उम्र के व्यक्तियों को सार्वजनिक स्थानों पर परिवहन वाहन चलाने से रोकता है।

जानें क्या है नियम? 

भारतीय मोटर वाहन अधिनियम के मुताबिक, अगर कोई कम उम्र का व्यक्ति देश में सड़कों पर गाड़ी चलाते पाया जाता है, तो उसके माता-पिता या अभिभावक को 3 साल तक की जेल और 25 हजार रुपए का जुर्माना हो सकता है। इसके अलावा, जो ड्राइवर बाइक चला रहा था, वह 25 वर्ष की आयु तक ड्राइविंग लाइसेंस नहीं बनवा सकता है। इसलिए, माता-पिता के रूप में यह आपकी जिम्मेदारी है कि जब आपका बच्चा भारत में स्कूटर चलाने के लिए कानूनी उम्र तक पहुंच जाए तभी उसे ड्राइविंग करने की इजाजत दें।