मुंबई: राज्य के रियल एस्टेट नियामक महारेरा ने 10 फरवरी 23 को एक सर्कुलर जारी कर नीतिगत निर्णय की घोषणा की थी कि पूरा न हो सकने वाले हाउसिंग प्रोजेक्ट्स का रजिस्ट्रेशन कुछ शर्तों के अधीन रद्द किया जा सकता है। इस सर्कुलर के मुताबिक मई के अंत तक राज्य की 88 प्रोजेक्ट्स का रजिस्ट्रेशन रद्द करने का प्रस्ताव महारेरा के पास आया। तब से अब तक 19 और नए प्रस्ताव आ चुके हैं और अब यह संख्या बढ़कर 107 हो गई है। यह व्यापक सूची महारेरा वेबसाइट पर उपलब्ध है। इन 88 प्रोजेक्ट्स पर आपत्ति दर्ज कराने की अंतिम तिथि 17 जून थी। पर अब महारेरा ने इस अवधि को 15 दिन और बढ़ाने का फैसला किया है और नई 19 प्रोजेक्ट्स को लेकर भी 15 दिनों के भीतर आपत्तियां दर्ज होने की उम्मीद है। महारेरा ने अपील की है कि जिन्हें इन 107 प्रोजेक्ट्स में से किसी के रजिस्ट्रेशन रद्द करने पर आपत्ति है, वे 15 दिनों के भीतर अपनी आपत्तियां पर भेजें।
सबसे ज्यादा अटके हुए प्रोजेक्ट्स पुणे में
इन 107 प्रोजेक्ट्स में से, पुणे 41, रायगढ़ 16, ठाणे 12, पालघर 6, मुंबई उपनगर 5, मुंबई शहर 4, सिंधुदुर्ग, परभणी, नासिक 3-3, नागपुर, चौधरी संभाजीनगर, सतारा 2-2 और कोल्हापुर, नांदेड़, लातूर, रत्नागिरी, सोलापुर और दादरा नगर हवेली में प्रत्येक में 1 प्रोजेक्ट शामिल है। ये हाउसिंग प्रोजेक्ट शुरू तो हुए और इनका महारेरा में नियमानुसार रजिस्ट्रेशन भी हुआ लेकिन कई कारणों ये अटक गईं। महारेरा का मानना है कि जो प्रोजेक्ट्स पूरे नहीं हो सकते हैं या ऐसे अटके हुए प्रोजेक्ट्स का महारेरा के साथ पंजीकृत होना न केवल डेवलपर्स के लिए ही नहीं, बल्कि परियोजना से जुड़े किसी भी व्यक्ति के लिए फायदेमंद नहीं है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए, महारेरा ने उपभोक्ता हितों की पूरी तरह से रक्षा के लिए कुछ शर्तों के अधीन ऐसी प्रोजेक्ट्स के रजिस्ट्रेशन को रद्द करने की प्रक्रिया शुरू की है।
कई कारणों से अटक जाते हैं प्रोजेक्ट्स
प्रमुख कारणों में से ग्राहक न मिलना, बिल्डर के पास पैसा न होना, प्रोजेक्ट का आर्थिक रूप से अव्यवहार्य होना, अदालत के मामले चलना, पारिवारिक विवाद या प्रोजेक्ट के संबंध में नई सरकारी अधिसूचना इत्यादि होते हैं। कुछ डेवलपर्स के पास एक ही रजिस्ट्रेशन के साथ कई चरणबद्ध प्रोजेक्ट्स होते हैं। इसमें से कुछ चरण पूरे हो गए हैं जबकि कुछ चरणों को पूरा करने में दिक्कतें आ रही हैं। जिस प्रोजेक्ट को ऐसे प्रोजेक्ट के चरण में रद्द किया जाना है उनका ज़ीरो रजिस्ट्रेशन किया जाना आवश्यक है। इतना ही नहीं, यदि रजिस्ट्रेशन रद्द होने से समग्र प्रोजेक्ट में अन्य लोगों पर कोई प्रभाव पड़ेगा, तो महारेरा की शर्तों के अनुसार उसमें दो तिहाई लोगों की सहमति लेनी होगी। इतना ही नहीं, जिस परियोजना के लिए रजिस्ट्रेशन रद्द करने के लिए आवेदन किया गया है, भले ही रजिस्ट्रेशन की राशि नगण्य हो, संबंधित लोगों का बकाया भुगतान करना आवश्यक कर दिया गया है, उनका रजिस्ट्रेशन रद्द करने पर कोई आपत्ति नहीं है। जांच के लिए रजिस्ट्रेशन रद्द करने के आवेदन के साथ इस तरह के दस्तावेजी साक्ष्य संलग्न करना आवश्यक है।