मुंबई: बीजेपी (BJP), शिवसेना (Shiv Sena) और एनसीपी (NCP) की संयुक्त सरकार (Government) की तैयारी वर्ष 2017 में ही कर ली गयी थी। बीजेपी के वरिष्ठ नेतृत्व से चर्चा के बाद इस बात पर रजामंदी हो गयी थी कि एनसीपी को कौन -कौन से विभाग मिलेंगे और उसे लोकसभा की कितनी सीटों पर चुनाव लड़ना हैं, लेकिन उस समय एनसीपी ने शिवसेना को साथ लेने का विरोध किया था। इसकी वजह से तीन दलों की सरकार नही बन पायी थी। इस तरह का खुलासा भाजपा नेता आशीष शेलार (Ashish Shelar) ने किया है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 में शिवसेना का विरोध करने वाली एनसीपी ने सत्ता हासिल करने के लिए शिवसेना से हाथ मिला लिया और राज्य में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की महाविकास आघाड़ी सरकार बन गयी।
एनसीपी को शिवसेना का साथ मंजूर नहीं था
शिवसेना और बीजेपी में विवाद पर शेलार ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार के समय भी शिवसेना के मंत्री अपनी जेब में इस्तीफा ले कर घूम रहे थे और जहरीली भाषा का इस्तेमाल कर रहे थे। जिसकी वजह से वर्ष 2017 में एनसीपी को सत्ता में लाने का फैसला किया गया था, लेकिन एनसीपी को शिवसेना का साथ मंजूर नहीं था और बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने शिवसेना को सरकार से अलग नहीं करने का आदेश दिया था। बीजेपी की ईमानदार स्थिति थी कि शिवसेना को हिंदुत्व के मुद्दे पर हार नहीं माननी चाहिए।
शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के साथ युति में दोस्ती का संबंध था, लेकिन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना में कायरता, जहर, खींचतान और कमजोर होने की प्रवृत्ति है। इस वजह से दोनों की युति में कभी खुशी नहीं दिखी।
-आशीष शेलार, भाजपा नेता
2017 में क्या हुआ, उस समय नेता क्या बोए थे और और अब क्या बोले, इसकी बजाय इस समय जनता के समक्ष क्या समस्या है, उस पर ध्यान दिया जाना चाहिए। राज ठाकरे ने वर्ष 2019 में बीजेपी के खिलाफ टिप्पणी कर रहे थे। उन्होंने आघाड़ी उमीदवारों के पक्ष में अप्रत्यक्ष रुप में प्रचार भी किया था। अब उनकी भूमिका स्पष्ट रुप से महाविकास आघाड़ी सरकार के खिलाफ है।
-अजीत पवार, उप मुख्यमंत्री, महाराष्ट्र
आशीष शेलार ने युति के संदर्भ में वक्तव्य दे कर एक प्रकार से विरोधी पक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ टिप्पणी की है। खुद की पार्टी के नेता के शब्दों पर भरोसा न करें इस तरह का संदेश जनता को देने का प्रयास शेलार ने किया है । शेलार के खिलाफ बीजेपी को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए अन्यथा यह समझा जाएगा कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष चंदकांत पाटिल का भी यही मत है।
-सचिन सावंत, कांग्रेस प्रवक्ता