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    मुंबई: सीबीआई की विशेष अदालत ने आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंदा कोचर (Chanda Kochhar), उनके पति दीपक कोचर (Deepak Kochhar) और वीडियोकॉन समूह के संस्थापक वेणुगोपाल धूत (Venugopal Dhoot) को 10 जनवरी तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। उन पर 3,250 करोड़ रुपए के बैंक कर्ज धोखाधड़ी का आरोप है।

    सीबीआई ने कोचर दंपति को पिछले सप्ताह गिरफ्तार किया था। जबकि धूत को सोमवार को गिरफ्तार किया गया था। तीनों की गुरुवार को खत्म सीबीआई की हिरासत खत्म हो गया थी। उन्हें विशेष न्यायाधीश एस.एच. ग्वालानी के समक्ष पेश किया गया। विशेष सरकारी वकील ए. लिमोसिन ने अदालत से तीनों की सीबीआई हिरासत आगे बढ़ाने की मांग नहीं की। इसके बाद अदालत ने उन्हें 10 जनवरी तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

    भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज

    सीबीआई ने कोचर दंपति और धूत के अलावा दीपक कोचर के संचालित नूपॉवर रिन्यूएबल्स (एनआरएल), सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड तथा वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड को भारतीय दंड संहिता की धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2019 के तहत दर्ज मामले में आरोपी बनाया है।

    क्या है पूरा मामला?

    सीबीआई का आरोप है कि आईसीआईसीआई बैंक ने वेणुगोपाल धूत द्वारा प्रमोटेड वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को बैंकिंग विनियमन अधिनियम, आरबीआई के दिशा-निर्देशों और बैंक की ऋण नीति का उल्लंघन करते हुए 3,250 करोड़ रुपए का लोन मंजूर किया था।