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मुंबई: शराब के नशे में पुलिसकर्मी से मारपीट के आरोपी को सेशंस कोर्ट ने बरी कर दिया गया। सत्र अदालत ने आरोपी को इस आधार पर बरी कर दिया कि घटना के समय वह शराब के नशे में था, यह साबित करने के लिए उसके रक्त के नमूने लिए गए थे, जिन्हें 50 दिनों की देरी के बाद परीक्षण के लिए भेजा गया था। कोर्ट ने आदेश में कहा कि 50 दिनों में आरोपी के खून के नमूने कहां गए? जांच अधिकारी ने उन्हें फोरेंसिक प्रयोगशाला क्यों नहीं भेजा? ये सवाल अनुत्तरित हैं ! इस रिपोर्ट के बिना आरोपी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है। साथ ही, जबकि हर देरी घातक नहीं होती है, इस मामले में परीक्षण के लिए रक्त के नमूने भेजने में देरी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है, अदालत ने आरोपी को बरी करते हुए पुलिस की तफ्तीश और तरीके पर गंभीर सवाल उठाए।

पुलिस ने नहीं लिया था ब्लड सैम्पल

 आरोपी कल्पेश मोरे विक्रोली में घटना के दौरान जब पुलिस वालों से मारपीट और बदसलूकी हुई ,15 से 20 लोग जमा हो गए थे। हालांकि, अदालत ने पुलिस के इस दावे पर हैरानी जताई कि जांच अधिकारी द्वारा केवल एक बयान दर्ज किया गया था। अदालत ने कहा कि इस एकमात्र स्वतंत्र गवाह को गवाही के लिए अदालत में नहीं लाने की पुलिस की कार्रवाई भी समझ से परे है। पुलिस ने कुल चार गवाहों को बतौर सबूत पेश किया जिनमें से दो पुलिसकर्मी घटना से संबंधित थे, जबकि बाकी में जांच अधिकारी और शिकायतकर्ता की जांच करने वाले डॉक्टर शामिल थे। चूँकि गवाह एक पुलिसकर्मी है, इसलिए उसकी गवाही पर कोई संदेह नहीं है। हालांकि, अदालत ने यह भी कहा कि उनकी गवाही में विसंगतियां पाई गई हैं और इससे उठने वाले सवाल, एक स्वतंत्र गवाह को गवाही के लिए नहीं लाना, पुलिस के मामले की पारदर्शिता पर सवाल खड़ा करता है। दूसरी ओर, जिरह में ऐसा कोई सबूत नहीं मिला कि घटना के दिन दोनों पुलिसकर्मी गश्त के लिए वहां ड्यूटी पर थे। मेडिकल साक्ष्य भी संतोषजनक नहीं थे।

 चोट का मेडिकल सर्टिफिकेट पेश नहीं किया

शिकायतकर्ता ने कोर्ट में चोट का मेडिकल सर्टिफिकेट पेश नहीं किया है। साथ ही चिकित्सा अधिकारी को आरोपी का नाम भी नहीं बताया गया था। बाद में, अदालत ने स्पष्ट किया कि यह मेडिकल दस्तावेजों पर लिखा गया था। मारपीट करने वाले पुलिसकर्मी प्रकाश भोई के अनुसार, वह पार्क साइट पुलिस स्टेशन के एक अन्य पुलिसकर्मी के साथ  6 जनवरी, 2019 की आधी रात को गश्त कर रहे थे, जब आरोपी शराब के नशे में सड़क के बीच में खड़ा चिल्ला रहा था, और राहगीरों को गाली दे रहा था। प्रकाश ने आरोपी को हट जाने को कहा। लेकिन आरोपी उसके साथ गाली-गलौज करने लगा। जब हमने आरोपी को पकड़ने की कोशिश की तो उसने अपनी शर्ट का कॉलर पकड़ लिया और हमें पीटा। इतना सब होने के बाद आरोपी को हिरासत में लेकर थाने ले जाया गया। वहां उसके खिलाफ मामला दर्ज कर उसे मेडिकल जांच के लिए सरकारी अस्पताल भेजा गया। फरियादी पुलिस ने कोर्ट को यह भी बताया कि घटना के दौरान लोगों की भीड़ लग गई थी।