GOLD-PURCHASE

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    मुंबई: ग्राहकों के हित में गोल्ड ज्वैलरी (Gold Jewellery) और कलाकृतियों की अनिवार्य हॉलमार्किंग (Hallmarking ) का दूसरा चरण अगले माह यानी 1 जून से शुरू होगा। सोने की हॉलमार्किंग इस महंगी धातु की शुद्धता का प्रमाण होती है। यह 16 जून 2021 तक स्वैच्छिक था, जिसके बाद केंद्र सरकार ने सोने की अनिवार्य हॉलमार्किंग को चरणबद्ध तरीके से लागू करने का निर्णय लिया। पहले चरण में मुंबई सहित देश के 256 जिलों को इसके दायरे में लाया गया। शुरूआती दिक्कतों के बाद अब हॉलमार्किंग प्रक्रिया ने गति पकड़ ली है। 

    ‍वहीं, इस साल अक्षय तृतीया पर गोल्ड (Gold) और सोने के आभूषणों की बिक्री में 10 से 15 फीसदी इजाफे के साथ देश में कुल 25 टन सोना बिकने की उम्मीद है। वर्ष 2019 में अक्षय तृतीया पर करीब 22 टन सोना बिका था।

    20, 23 और 24 कैरेट की भी होगी हॉलमार्किंग

    अनिवार्य हॉलमार्किंग के दूसरे चरण के दायरे में गोल्ड ज्वैलरी के 3 अतिरिक्त कैरेट (20, 23 और 24 कैरेट) के अलावा 32 नए जिले आएंगे, जहां पहले चरण के क्रियान्वयन के बाद एक ‘परख एवं हॉलमार्क केंद्र (एएचसी)’ स्थापित किया गया है। केंद्र सरकार ने इस संबंध में आदेश अधिसूचित कर दिया है और एक जून, 2022 से यह लागू हो जाएगा।

    3 लाख ज्वैलरी पर हर दिन हॉलमार्किंग

    भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने 23 जून, 2021 से देश के 256 जिलों में सोने की अनिवार्य हॉलमार्किंग सफलतापूर्वक लागू की, जहां हर दिन हॉलमार्क विशिष्ट पहचान (HUID) के साथ 3 लाख से अधिक गोल्ड आभूषणों पर हॉलमार्क लगाया जा रहा है। बीआईएस के एक प्रावधान के तहत सामान्य उपभोक्ता भी बीआईएस द्वारा मान्यता प्राप्त एएचसी पर सोने के आभूषण की शुद्धता की जांच करा सकता है।

    इस साल अक्षय तृतीया पर गोल्ड और गोल्ड ज्वैलरी की खूब बिक्री होने की उम्मीद है। एक तो सोने के दाम 56,000 से घटकर 52,000 रुपए प्रति दस ग्राम के आस-पास आ गए हैं। दूसरे, चाइनीज वायरस की महामारी का साया दूर हो गया है। तीसरे, अर्थव्यवस्था में तेजी के चलते लोगों की इनकम बढ़ रही है। हॉलमार्किंग से ग्राहकों का भरोसा भी बढ़ा है। शादी-ब्याह का सीजन है। कुल मिलाकर ग्राहकों में अच्छा-खासा उत्साह है। मंगलवार को ईद और अक्षय तृतीया पर अवकाश भी है। इसलिए हमें उम्मीद है कि सुबह से ही ग्राहकों का तांता लगा रहेगा और देश भर में 10 से 15% वृद्धि के साथ 24 से 25 टन सोना बिकने की उम्मीद है।

    -सौरभ गाडगिल, निदेशक-IBJA, अध्यक्ष-PNG ज्वैलर्स

    हॉलमार्किंग से ग्राहकों का भरोसा बहुत ज्यादा बढ़ गया है। पहले कोई ग्राहक एक ज्वैलर्स से खरीदी हुई गोल्ड ज्वैलरी यदि दूसरे ज्वैलर्स को बेचने जाता था तो उसे पूरी वैल्यू नहीं मिलती थी और अनावश्यक नुकसान उठाना पड़ता था, परंतु हॉलमार्किंग से यह समस्या दूर हो गयी है। जिससे ग्राहकों का विश्वास बढ़ने लगा है और लोग अब गोल्ड ज्वैलरी को वेल्थ के साथ इन्वेस्टमेंट के रूप में भी देखने लगे हैं।

    -संजय शाह, अध्यक्ष, ज्वैलमेकर्स वेलफेयर एसोसिएशन

    पहले चरण में सिर्फ 14,18 और 22 कैरेट की ज्वैलरी के लिए ही हॉलमार्किंग अनिवार्य की गयी थी। अब दूसरे चरण में सरकार ने 20, 23 और 24 कैरेट की भी हॉलमार्किंग अनिवार्य कर सराहनीय कदम उठाया है। इससे जहां ग्राहकों का भरोसा और बढ़ेगा, वहीं ज्वैलरी इंडस्ट्री में पारदर्शिता भी बढ़ेगी। हॉलमार्किंग के बाद कारोबार बढ़ने से इंडस्ट्री की ग्रोथ तेज हो गयी है। सरकार को अब छोटे शहरों और गांवों में भी हॉलमार्क सेंटर बढ़ाने चाहिए।

    - परीन शाह, निदेशक, नाइन ज्वैल्स