मुंबई: शिवसेना (Shiv Sena) ने सीबीएसई (CBSE) के 10वीं के कथित महिला विरोधी प्रश्न पत्र मामले में सवाल उठाते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Minister Dharmendra Pradhan) को पत्र (Letter) लिखकर अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की है। पार्टी की प्रवक्ता और सांसद प्रियंका चतुर्वेदी (MP Priyanka Chaturvedi) ने धर्मेंद्र प्रधान को लिखे अपने पत्र में कहा कि मीडिया और महिला सशक्तिकरण के विज्ञापन में 80 फीसदी धन खर्च करने का क्या मतलब है, जब इस तरह के अंश रूढ़िवादी विचारों को बढ़ावा देते हैं और किए गए सभी प्रयासों को नष्ट कर देते हैं।
प्रियंका चतुर्वेदी ने केंद्र और भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा महिला सशक्तिकरण के लिए लगातार काम करने वाले लोगों के प्रयासों और बलिदानों को सरकार और सीबीएसई ने फेल कर दिया है।
My letter to Education Minister Shri Dharmendra Pradhan & Chairman CBSE on the CBSE’s regressive& misogynistic portrayal of women. I have asked for unconditional apology, an explanation as to how this passage was cleared&lastly disciplinary action against the ‘subject experts’ pic.twitter.com/7c24ez1Fwe
— Priyanka Chaturvedi🇮🇳 (@priyankac19) December 13, 2021
उचित स्पष्टीकरण जारी करना चाहिए
प्रियंका चतुर्वेदी ने पत्र में कहा कि इसके लिए सीबीएसई और अन्य जिम्मेदार संस्थाओं को जनता के लिए एक उचित स्पष्टीकरण जारी करना चाहिए कि यह जांच प्रक्रिया को पारित करने में सक्षम कैसे था। इसके साथ ही उन्होंने मांग की है कि तथाकथित विषय विशेषज्ञों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए। इस संबंध में शीघ्र कार्रवाई की अपेक्षा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर की संस्थाएं ऐसी पितृसत्तात्मक मानसिकता के साथ जुड़ती हैं, तो हमारी सारी प्रगति पीछे छूट जाती है और यह उन महिलाओं का मनोबल गिरता है, जिन्होंने निस्वार्थ भाव से समाज की भलाई के लिए सदियों से काम किया है और काम करना जारी रखा है। इसलिए मेरा आग्रह है कि सबसे पहले देश की उन सभी महिलाओं से बिना शर्त माफी मांगी जानी चाहिए।