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    पुणे: महाराष्ट्र (Maharashtra) के पुणे में येरवडा केंद्रीय कारागार (Yerwada Jail) के कैदियों (Prisoners) ने भगवान गणेश (Lord Ganesha) की सुंदर और पर्यावरण अनुकूल मूर्तियों (Eco-Friendly Idols) को तराशा है, जिसके चलते बड़ी संख्या में लोग उन्हें खरीदने के लिए आकर्षित हो रहे हैं। अधिकारियों के अनुसार, ऐसा पहली बार है कि इस जेल के कैदियों ने इन मूर्तियों को तैयार किया है। इन्हें जेल उद्योग की खुदरा दुकान पर बिक्री के लिए रखा गया है, जहां कैदियों द्वारा तैयार किए गए लकड़ी के फर्नीचर, कालीन, चप्पल, कलाकृतियां आदि की बिक्री होती है। 

    येरवडा केंद्रीय कारागार की अधीक्षक रानी भोसले ने बताया कि हर साल, नासिक केंद्रीय कारागार में कैदियों द्वारा भगवान गणेश की मूर्तियां बनाई जाती हैं। यह पहली बार है जब येरवडा केंद्रीय कारागार ने इसकी शुरुआत की है और नासिक जेल से दो कैदी कलाकारों को शामिल किया गया है। उन्होंने येरवडा के 15 कैदियों को मूर्तिकला का प्रशिक्षण दिया है।

    400 रुपए से लेकर 15,000 रुपए कीमत तक उपलब्ध

     उन्होंने कहा कि दस दिवसीय उत्सव के दौरान पर्यावरण के पहलू को देखते हुए इन मूर्तियों को ‘शडू’ या चिकनी मिट्टी से बनाया गया है। भोसले ने कहा कि जेल उद्योग की खुदरा दुकान पिछले कई वर्षों से सेवा में है। उन्होंने बताया कि कैदियों द्वारा बनाए गए उत्पादों की अच्छी मांग हैं। लोग आमतौर पर दुकान से कईं चीज़ें खरीदते हैं। इसलिए हमने इस साल मूर्ति बनाने के बारे में सोचा। हालांकि, मुझे खुशी है कि कैदियों ने कम समय में इस कला को सीख लिया और भगवान गणेश की 250 से अधिक सुंदर मूर्तियां तैयार की हैं। जेल अधिकारियों ने बताया कि मूर्तियां 400 रुपए से लेकर 15,000 रुपए कीमत तक उपलब्ध हैं।