मुंबई: शिवसेना नगरसेवक (Shiv Sena Corporator) और बीएमसी (BMC) के स्थायी समिति अध्यक्ष यशवंत जाधव (Standing Committee Chairman Yashwant Jadhav) और उनके करीबी लोगों के घरों और संपत्तियों पर आयकर विभाग (Income Tax Department) द्वारा चली तीन दिनों की छापेमारी सोमवार को समाप्त हुई। आयकर विभाग के अधिकारियों ने इस कार्रवाई में अब तक कुछ अहम कागजात, दस्तावेज और दो करोड़ रुपए कैश (Cash)बरामद करने का दावा किया है, हालांकि अधिकारी इस कार्रवाई को लेकर कुछ भी कहने से बच रहे हैं।
गौरतलब है कि आयकर विभाग के अधिकारियों ने शुक्रवार की सुबह साढ़े पांच बजे यशवंत जाधव के मझगांव स्थित घर पर छापा मारा। छापेमारी के दौरान यशवंत जाधव से घर पर ही पूछताछ भी शुरू हुई। अधिकारियों ने जाधव के घर से इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज और कागजात बरामद किए। शनिवार को भी आयकर विभाग के अधिकारियों ने छापेमारी शुरू रखी। इस छापेमारी में आयकर विभाग के अधिकारियों ने दस्तावेजों और कागजात के अलावा दो करोड़ कैश भी बरामद किए। इतना ही नहीं रविवार को बरामद कागजात और डॉक्यूमेंट्स के आधार पर छापेमारी जारी रही, लेकिन कोई बड़ी सफलता मिलती नहीं दिख रही है।
लगते रहे हैं भ्रष्टाचार के आरोप
महाराष्ट्र में विपक्ष काफी वक्त से जाधव द्वारा पारित बीएमसी की सभी निविदाओं की ऑडिट की मांग करता रहा है। बीएमसी के स्थायी समिति के अध्यक्ष के आदेश से ही सभी निविदाएं पारित की जाती हैं और उनसे जुड़े भुगतान की मंजूरी दी जाती है। यशवंत जाधव बीएमसी की स्थायी समिति के अध्यक्ष हैं और उन पर इन मामलों में भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं।