kanjur marg metro karshed
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    मुंबई: राज्य में सरकार बदलते ही मुंबई (Mumbai) में अटके इंफ़्रा प्रोजेक्ट (Infra Project) को लेकर फटाफट निर्णय लिए जा रहें हैं। मेट्रो-3 के लिए कांजुरमार्ग में कारशेड भूखंड के हस्तातंरण को लेकर अक्टूबर 2020 में एमवीए सरकार (MVA Govt.) द्वारा लिया गया निर्णय वापस ले लिया गया है।

    बताया गया कि मुंबई उपनगर (Mumbai Suburbs) के कलेक्टर ने भूखंड हस्तांतरित करने के निर्णय को वापस लेते हुए मुंबई हाई कोर्ट को इसकी सूचना दे दी है। 

    खार लैंड पर बनाना था कारशेड

    मेट्रो-3 के लिए आरे की जगह कारशेड को कांजुरमार्ग के साल्ट पैन लैंड पर बनाना था। इसके लिए 102 एकड़ भूखंड एमएमआरडीए को हस्तांतरित कर दिया था। इसी बीच, उक्त भूखंड पर निजी बिल्डर के साथ केंद्र सरकार ने दावा कर दिया था। पिछले लगभग ढाई साल से मामला हाइकोर्ट में ही लंबित रहा। अब सरकार के नए हलफनामें के बाद मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति गिरीश एस. कुलकर्णी की खंडपीठ ने इसका निपटारा करते हुए कहा कि 1 अक्टूबर, 2020 के आदेश को वापस लेने के मद्देनजर, अब निर्णय के लिए कुछ भी नहीं बचा है।

    केंद्र का दावा बरकरार

    हालांकि, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह के माध्यम से केंद्र ने कहा कि भूमि के एक हिस्से पर उसका दावा जारी है, जिसे हाई कोर्ट ने स्वीकार कर लिया और कहा कि महेश कुमार गरोडिया नामक व्यक्ति के स्वामित्व दावे पर भी चर्चा होगी।  राज्य सरकार के ओर से महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोनी ने उपनगरीय कलेक्टर निधि चौधरी के निर्णय का हवाला देते हुए कहा कि 1 अक्टूबर,2020 का आदेश वापस हो गया है। एमएमआरडीए के वकील साकेत मोने ने कहा कि उस भूखंड पर कोई कार्य भी नहीं शुरू हुआ है। 

    आरे में कारशेड का काम

    30 जून को सत्ता संभालने के कुछ घंटों के भीतर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पिछली सरकार के फैसले को बदलते हुए फिर से आरे से मेट्रो-3 कारशेड बनाने का निर्णय लिया। उस पर एमएमआरसीएल के माध्यम से काम शुरू है। 25 प्रतिशत से ज्यादा काम हो गया है। पिछले मंगलवार को आरे से ही मेट्रो-3 ट्रेन का परीक्षण भी शुरू कर दिया है।