Mumbai Metro-3

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    मुंबई: कुलाबा-बांद्रा (Colaba-Bandra) से सीपज्ड तक बन रही मुंबई की पहली भूमिगत मेट्रो-3 (Mumbai First Underground Metro-3) की टनलिंग (Tunneling) का काम लगभग पूरा हो गया है। अंडरग्राउंड मेट्रो लाइन के मुंबई सेंट्रल मेट्रो स्टेशन पर 41वीं सफलता प्राप्त हुई। टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) तानसा-2 ने महालक्ष्मी से 832.5 मीटर की डाउनलाइन ड्राइव पूरी की।

    एमएमआरडीए के आयुक्त एसवीआर श्रीनिवास के अनुसार, मेट्रो-3 की संपूर्ण टनलिंग का काम जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। फ़िलहाल पूरे प्रोजेक्ट के 98.5 प्रतिशत टनलिंग का काम हो चूका है।

    स्टेशनों का काम शुरू

    बताया गया कि हुतात्मा चौक-सीएसएमटी स्टेशन का काफी काम हो चुका है। प्लेटफार्म का लगभग 80 प्रतिशत और कॉनकोर्स लेवल अथार्थ टिकट घर के साथ स्टेशन के छत का काम भी लगभग 95 प्रतिशत हो गया है। अंडरग्राउंड स्टेशनों के फिलिंग का काम भी हो रहा है। इस तरह स्टेशन से संबंधित अन्य कार्य भी 80 प्रतिशत तक हो गए हैं।

    2023 तक ट्रायल रन का लक्ष्य

    वैसे मेट्रो-3 परियोजना में काफी देरी हो गई है। मुंबई की पहली अंडर ग्राउंड मेट्रो को दो चरणों में शुरू किए जाने की योजना है। पहले चरण का ट्रायल दिसंबर 2023 तक शुरू करने का लक्ष्य है, जबकि बीकेसी से कफ परेड तक वर्ष 2024 में खोले जाने का उद्देश्य है। भूमिगत ट्रैक पर मरोल मरोशी में ट्रायल रन की योजना है। मेट्रो-3 के लिए कांजुरमार्ग में प्रस्तावित कारशेड का विवाद कायम है।

    मेट्रो-3 के बारे में

    • कोलाबा-बांद्रा-सीपज्ड तक लगभग 33.50 किमी लंबी मुंबई की यह पहली अंडर ग्राउंड मेट्रो।
    • मेट्रो मार्ग पर कुल 27 स्टेशन हैं, इनमें 26 स्टेशन अंडर ग्राउंड और 1 स्टेशन जमीन के ऊपर।
    • इस मेट्रो परियोजना की लागत लगभग 30 हजार करोड़ है।
    • यह मेट्रो लाइन वेस्टर्न को सेंट्रल लाइन से सीधे जोड़ेगी।