Navabharat Exclusive, report, Mumbai Police, Anti Narcotic Cell
सांकेतिक तस्वीर

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  • विदेशी ड्रग्स पैडलर्स को रखने के लिए डिटेंशन सेंटर नहीं
  • 2018 से 2023 के बीच 860 FIR और 1199 पैडलर्स गिरफ्तार
  • 5299.83 करोड़ रूपए का 2894 किलोग्राम ड्रग्स जब्त

तारिक खान @ नवभारत  
मुंबई: ड्रग्स का जहर तेजी से लोगों के रगों में फैल रहा है, इससे युवाओं के साथ-साथ देश का भविष्य भी बर्बाद हो रहा है। हालांकि देश के भविष्य को बचाने के लिए काम करने वाली पुलिस (Mumbai Police) की, एंटी नारकोटिक्स सेल (Anti Narcotic Cell) का वर्तमान अंधकार में दिख रहा है। मुंबई मायानगरी बॉलीवुड, राजनीति और अंडरवर्ल्ड के ‘नेक्सस’ के साथ ड्रग्स का हब बन गई है। करोड़ों की जनसख्यां वाले मुंबई शहर को ड्रग्स मुक्त करने का प्रयास कर रही, मुंबई एएनसी विभाग की पांच यूनिट में मात्र 100 पुलिसकर्मी है। बता दें कि, मुंबई शहर में बॉडी ऑफेंस (शारीरिक अपराध) से अधिक ड्रग्स संबंधित क्राइम तेजी से बढ़ रहे है, लेकिन राज्य का गृह विभाग इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है। जबकि एएनसी विभाग जो पिछले कई सालों से मैन पावर और बुनियादी सुविधाओं के अभाव से जूझने के बावजूद, सैंकड़ो अंतर्राज्यीय और अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स पैडलर्स के खिलाफ कार्रवाई कर, उनके पास से हर वर्ष करोड़ों-अरबों रूपए का ड्रग्स जब्त करने का काम कर रही है। 

 
ANC क्या है
नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध ड्रग्स तस्करी के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए मुंबई पुलिस ने एंटी नारकोटिक्स सेल (एएनसी) विभाग का गठन वर्ष 1989 में किया था। मुंबई में एएनसी की पांच यूनिट जो आजाद मैदान, वर्ली, घाटकोपर, बांद्रा और कांदिवली है। इसमें एक डीसीपी और एक एसीपी रैंक के दो अधिकारी के अलावा, पांचों यूनिट में  मात्र 20 अधिकारी और 80 पुलिसकर्मी है, जिसमें 10 महिलाओं का भी समावेश है। 
 

करोड़ों की जनसंख्या में 100 पुलिसकर्मी
करीब ढाई करोड़ की आबादी के लिए मुंबई एंटी नारकोटिक्स सेल की पांचों यूनिट में 100 पुलिसकर्मी है। जबकि लगभग 20 लाख वाली आबादी वाली क्राइम ब्रांच की एक यूनिट में 5 से 6 अधिकारी और 22 से 25 पुलिसकर्मी होते है, हालांकि 3 से 4 लाख की पॉपुलेशन को संभालने वाले प्रति पुलिस स्टेशन में 25 से 30 पुलिस अधिकारी और लगभग 200 से 250 पुलिसकर्मी रहते है। इन सबकी तुलना में एएनसी डिपार्टमेंट की हर यूनिट में करीब 6 अधिकारी और लगभग 25 से 30 पुलिसकर्मी तैनात किया जाना चाहिए। 

मुखबिरों के लिए फंड नहीं है
 किशोर जाधव-पूर्व IPS ने बताया, एएनसी को खबर देने वाले मुखबिरों के लिए कोई फंड नहीं है और न अच्छे काम करने वाले अधिकारियों को कोई रिवॉर्ड मिलता है। अधिकारियों को बैठने के लिए सही ढंग का कार्यालय नहीं है। जब्त किए गए अरबों रुपये के ड्रग्स को सुरक्षित रखने के लिए स्टोरेज की जगह और विदेशी ड्रग्स पैडलर्स को रखने के लिए डिटेंशन सेंटर नहीं है।

ANC कमजोर होगी तो, ड्रग्स तस्करी बढेगी
नफीस अंसारी-सोशल एक्टिविस्ट ने बताया, नशे के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए ANC एक महत्वपूर्ण विभाग है। इसके कमजोर होने से ड्रग्स तस्करी में इजाफा हो सकता है। गृह मंत्रालय और पुलिस कमिश्नर को चाहिए की इसमें मैन पावर बढ़ाएं और अधिकारियों को बुनियादी सुविधाएं मुहैया करें।