- अजीत पवार गुट के शपथपत्र फ़र्ज़ी! EC में शरद पवार गुट का दावा
- अधिवक्ता सिंघवी बोले, विरोधी गुट के दावे नहीं टिकेंगे
- शुक्रवार को 24 नवंबर 2023 को होगी अगली सुनवाई
दिल्ली/ मुंबई: एनसीपी (NCP) में फूट के बाद पार्टी के नाम व चुनाव चिन्ह पर कब्ज़े को लेकर सोमवार को केंद्रीय चुनाव आयोग (EC) में सुनवाई (Hearing) हुई। डिप्टी सीएम अजित पवार (Ajit Pawar) ने अपने चाचा शरद पवार (Sharad Pawar) द्वारा शुरू की गई पार्टी और चुनाव चिन्ह पर दावा ठोकते हुए चुनाव आयोग में याचिका दायर की है। शरद पवार गुट (Faction) की ओर से सीनियर अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने अपना पक्ष रखते हुए दावा किया अजित पवार गुट ने कार्यकर्ताओं के साथ-साथ पार्टी पदाधिकारियों के भी फ़र्ज़ी शपथ पत्र जमा करवाए हैं। शरद पवार गुट ने आपराधिक मामला (Criminal Case) दर्ज करने की मांग की है
सिंघवी ने मीडिया के सामने एनसीपी के राष्ट्रीय महासचिव कुंवर प्रताप सिंह को पेश करते हुए कहा कि सिंह शरद पवार गुट के साथ हैं। उन्होंने ऐसा शपथ पत्र भी दिया है। लेकिन अजित गुट ने प्रताप सिंह का फर्जी हलफनामा बना कर चुनाव आयोग में जमा कराया है। सिंघवी ने आरोप लगाया कि गलत दस्तावेज प्रस्तुत करके चुनाव आयोग को गुमराह किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अजित गुट के दावे चुनाव आयोग में टिकने वाले नहीं हैं।
दूसरी ओर अजित पवार गुट की तरफ से अधिवक्ता नीरज किशन कौल और मनिंदर सिंह ने बहस करते हुए कहा कि शरद पवार गुट पर लगातार एक ही तरह के मुद्दे उठाने और समय बर्बाद करने का आरोप लगाया। सोमवार की बहस खत्म होने बाद अब इस मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार, 24 नवंबर को होगी।
चुनाव आयोग में सुनवाई के दौरान एक ओर जहां पार्टी अध्यक्ष शरद पवार अपनी बेटी व सांसद सुप्रिया सुले और पूर्व मंत्री जितेंद्र अहवाड के साथ मौजूद रहे। वहीं डिप्टी सीएम अजीत पवार की तरफ से उनके बड़े बेटे पार्थ पवार मौजूद थे। पार्टी की इस लड़ाई में दादा-पोता आमने-सामने दिखाई दिए।
केंद्रीय चुनाव आयोग ने सुनवाई के दौरान शरद पवार गुट के वकील अभिषेक मनु सिंघवी की खिंचाई की। उन्होंने कहा कि शरद पवार हलफनामे के उन बिंदुओं का दोबारा जिक्र न करें, जिन पर हमने पिछली सुनवाई में बहस की थी। अब इस मामले में आगे की बहस होनी चाहिए।
शरद पवार गुट ने अजित पवार को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किए जाने को भी चुनौती दी है। अधिवक्ता सिंघवी ने कहा कि शरद पवार के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने के दौरान अजित पवार ने खुद प्रस्तावक के तौर पर हस्ताक्षर किये थे। फिर उन्होंने पूछा कि आख़िर दस महीने में ऐसा क्या हुआ कि ने अजित राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर दावा किया है।
1.अजित पवार कब बने राष्ट्रीय अध्यक्ष
2.इस सम्बन्ध में राष्ट्रीय अधिवेशन कब आयोजित किया गया
3.किस तारीख को राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए आवेदन किया गया
4. चुनाव के दौरान चुनाव रिटर्निंग अधिकारी कौन था
5. अजित पवार के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने की कवरेज किस चैनल पर दिखाई गई