तारीख पे तारीख…, उद्धव ठाकरे ने कहा जनता की अदालत में होगा अयोग्यता का फैसला

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  • जनता की अदालत में होगा फैसला 
  • ठाकरे vs शिंदे रही दशहरा रैली 

मुंबई: महाराष्ट्र की राजनीति में दशहरे की रैली का खास महत्व है और इस बार दशहरे की रैली और भी खास हो गई थी क्योंकि यहां मुकाबला सीधे तौर पर मौजूदा मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री के बीच में था। मुंबई के आजाद मैदान से एकनाथ शिंदे ने सरकार की उपलब्धियां बनाई और उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को निशाने पर लिया। तो वहीं दादर के शिवाजी पार्क से उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे सरकार की कमियां और लापरवाही गिनाई और महाराष्ट्र की जनता से सही को चुनने का आवाहन किया। ठाकरे ने ये भी कहा की अयोग्यता (Disqualification Case) का फैसला अब जनता की अदालत (Janta ki Adalat) में होगा। 

उद्धव ठाकरे पर निशाना 
दशहरा की रैलियां अपने आप में इसलिए भी खास हो गई क्योंकि कुछ समय पहले ही शिवसेना दो धड़ों बटी थी। एकनाथ शिंदे कुछ विधायकों के गुट के साथ उद्धव ठाकरे के धड़े से अलग हो गए थे। इसके बाद उन्होंने महाराष्ट्र में अपनी सरकार बनाई और उसी के बाद से वह लगातार उद्धव ठाकरे को निशाने पर लेते रहे। दशहरे की रैली में भी एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा और उनके साथ रहने वालों को गुलाम तक बताया। 

एकनाथ शिंदे पर निशाना 
वहीं उद्धव ठाकरे ने शिवाजी पार्क में आयोजित रैली के दौरान उन पर लगने वाले परिवारवाद के आप पर खुलकर जवाब दिया और बताया कि परिवारवाद का विरोध करने वाले खुद परिवारवाद को अपनी पार्टी में पनाह दे रहे हैं। उद्धव ठाकरे का इशारा साफ तौर पर बीजेपी की तरफ था। इसके अलावा उद्धव ठाकरे ने विधायकों की अयोग्यता वाले मामले पर भी आवाज उठाई और बताया कि विधानसभा अध्यक्ष इस मामले में तारीख पर तारीख दे रहे हैं। जबकि सुप्रीम कोर्ट से लगातार उन्हें फटकार मिल रही है। तारीख पर तारीख से परेशान होकर उद्धव ठाकरे ने कहा कि अब हमें किसी भी तारीख का इंतजार नहीं है। क्योंकि उन्हें यह अंदाजा हो गया है कि तारीख को तारीख को आगे बढ़ाकर मुख्यमंत्री का कार्यकाल पूरा किए जाने का षड्यंत्र चल रहा है। 

जनता की अदालत में फैसला 
ऐसे में उद्धव ठाकरे ने अब यह फैसला जनता की अदालत में सौंप दिया है। उद्धव ठाकरे ने कहा कि विधायकों की अयोग्यता का फैसला अब जनता आने वाले चुनाव में करेगी। दशहरा रैली के मौके पर उद्धव ठाकरे ने जनता से सही जनप्रतिनिधि चुनने का आवाहन किया है। अब ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि महाराष्ट्र में होने वाले चुनाव में आखिरकार नतीजा क्या निकलता है।