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    नागपुर. कोविड महामारी के कारण पिछले 2 वर्षों में स्कूलों में अनियमित उपस्थिति के चलते राज्यभर में करीब 17,397 छात्र स्कूल से दूर हो गए. इन छात्रों को दोबारा शिक्षा के प्रवाह में लाने के लिए विभाग की ओर से प्रयास जारी हैं लेकिन इस सत्र में उनकी नुकसान भरपाई होगी, इसे लेकर संदेह की स्थिति बनी हुई है. नया शैक्षणिक सत्र जल्द ही शुरू होने वाला है. यही वजह है कि शिक्षा विभाग ने स्कूल के आसपास के 6-14 वर्ष आयु वर्ग के छात्रों के अधिकाधिक प्रवेश के निर्देश स्कूलों को जारी किये हैं. शाला बाह्य छात्रों के प्रवेश हेतु आसपास के खदानों, ईंट भट्टे, बाजार परिसर, कामगार बस्तियों में जाकर सर्वेक्षण करने के निर्देश शालेय शिक्षा मंत्री ने दिए हैं. 

    कोविड की वजह से स्कूल महीनों तक बद रहे. इस दौरान अनेक छात्रों ने स्कूल ही छोड़ दिया. वहीं कई लोग अपने-अपने शहर-गांवों की ओर निकल गए. कोरोना के दौरान छात्रों के अध्ययन की नुकसान भरपाई के लिए शिक्षा विभाग द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं. समग्र शिक्षा के अंतर्गत शाला बाह्य छात्रों के लिए विशेष प्रशिक्षण आयोजित किया जाने वाला है. इसके लिए पहली से 8वीं तक के लिए ‘विद्यार्थी मित्र’ पूरक शैक्षणिक साहित्य की निर्मिति की गई है. आयु अनुसार प्रवेशित छात्रों को पढ़ाने वाले शिक्षकों के लिए भी  ‘शिक्षक मार्गदर्शिका’ तैयार की गई है.

    अध्ययन सहायक के लिए वीडियो तैयार

    शाला बाह्य, स्थलांतरित, अनियमित बच्चों के पंजीयन व शिक्षा के लिए शालेय शिक्षा विभाग व टाटा ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में ‘बाल रक्षक’ एप तैयार किया गया है. इस संबंध में कार्यवाही शिक्षा संचालक प्राथमिक के माध्यम से की जा रही है. शैक्षणिक वर्ष 2022-23 में स्कूल में प्रवेश लेने वाले शाला बाह्य छात्रों के लिए अध्ययन सहायक के तौर पर विषय स्तरीय वीडियो तैयार करने की योजना है. वहीं शाला बाह्य बच्चों की तलाश कर उन्हें मुख्य प्रवाह में जोड़ने के लिए बाल रक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा.