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    नागपुर. खेती में मनुष्य बल की कम उपलब्धता तथा मशीनीकरण का अधिकाधिक उपयोग होने से अब सीधे खेतों तक रास्ते आश्यक हो गये हैं. इसके लिए राज्य सरकार की महत्त्वाकांक्षी पांदन रास्ते के कार्य को प्रधानता देने और विकास कार्यों में गांव-गांव में सहयोग करने का आह्वान जिलाधिकारी आर. विमला ने दिया.

    जिलाधिकारी कार्यालय में आयोजित बैठक में बताया कि जिले में 575 पांदन रस्तों को मंजूरी दी गई. इनमें भिवापुर, हिंगना, कलमेश्वर, कामठी, काटोल, कुही, मौदा, नागपुर, नरखेड़, पारशिवनी, रामटेक, सावनेर, उमरेड इन 13 तहसील में 575 रास्तों के मंजूर कार्यों को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिये. पांदन रास्ते मुख्यत : गांव के रास्ते हैं.

    इस वजह से इनका फायदा सभी को मिलता है. रास्तों का काम होते वक्त व्यापक जनहित को ध्यान में रखकर गांव के लोगों का काम में सहयोग ले. इसके लिए ग्राम पंचायत पदाधिकारियों को अगुवाई करनी चाहिए. इन रास्तों के लिए ग्राम पंचायत, सार्वजनिक निर्माणकार्य विभाग, जिला परिषद निर्माण कार्य विभाग व वन विभाग कार्य कर रहे हैं.

    इन चारों विभागों के संबंधित अधिकारियों को गति प्रदान करने के निर्देश दिये. जिप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी योगेश कुंभेजकर ने बताया कि ‘मी समृद्ध तर गांव समृद्ध’ योजना महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना चलाई जा रही है. इस वजह से खेतों के रास्ते भी महामार्ग की तरह ही महत्वपूर्ण है.