- CR नागपुर : RTI में खुलासा
- 33 महीनों में 39.18 करोड़ की टिकटें रद्द
नागपुर. कोविड काल की चुनौतियों से निपटते हुए मध्य रेल नागपुर मंडल ने राजस्व के मामले में एक बार फिर रफ्तार पकड़ ली. मंडल के तहत पार्सल लदान से अप्रैल 2021 से 15 सितंबर 2021 तक कुल 7,68,91,248 रुपये की राजस्व प्राप्त हुआ. दीनदयालनगर निवासी अभय कोलारकर द्वारा सूचना के अधिकार के तहत यह जानकारी मांगी गई. मंडल की ओर से बताया गया कि पार्सल विभाग ने कोविड काल के बावजूद वर्ष 2020-21 में 15,33,32,918 रुपये की रिकॉर्ड आय अर्जित की. जबकि इससे पहले वर्ष 2019-20 में 15,62,43,732 और वित्त वर्ष 2018-19 में 17,02,90,534 रुपये की राजस्व हासिल किया. वहीं, पालतु जानवरों के परिवहन से भी नागपुर पार्सल विभाग को अच्छी खासी आय हुई.
34.59 लाख टिकटें हुईं रद्द
वहीं, मंडल के तहत सितंबर 2021 तक 33 महीनों में कुल 34.59 लाख टिकटें रद्द की गई. इस प्रकार मंड ने 1 अप्रैल 2019 से 15 सितंबर 2021 के बीच रद्द टिकटों को लेकर यात्रियों को 39.18 करोड़ रुपये का रिफंड किया. ज्ञात हो कि कोरोना के कारण मार्च से जून 2020 तक देशव्यापी लॉकडाउन रहा. 2021 आते तक देश कोविड की पहली लहर से उबर रहा था और ट्रेनों का परिचालन भी गति पकड़ चुका था. हालांकि मार्च 2021 के अंत से दूसरी लहर ने जोर पकड़ लिया. संक्रमण पर रोक लगाने के लिए एक बार फिर ट्रेन परिवहन में कटौती करनी पड़ी. इस दौरान मंडल से भी बड़ी संख्या में ट्रेनें नहीं चलीं और बड़ी संख्या में टिकटें रद्द की गई थी.
बगैर टिकट यात्रियों से 20.33 करोड़ की पेनल्टी वसूल
दूसरी तरफ उक्त अवधि में नागपुर मंडल ने बिना टिकट और अवैध रूप से सफर करने वाले यात्रियों के खिलाफ भी कड़ी कार्यवाही जा रखी. आरटीआई से प्राप्त जानकारी के अनुसार, मंडल ने 1 अप्रैल 2019 से 15 सितंबर 2021 के बीच बगैर टिकट यात्रियों से 20,33,16,711 रुपये की भारी-भरकम पेनल्टी वसूली. इस अवधि में कुल 4.43 करोड़ यात्रियों ने सफर किया और मंडल ने 927.03 करोड़ रुपये की टिकटें बेचीं. इस अवधि में मंडल द्वारा 54 स्पेशल ट्रेनें चलाई गई जिससे 77.93 करोड़ की आय हुई.
522 तृतीय पंथियों पर कार्रवाई
रेलवे सुरक्षा बल नागपुर द्वारा ट्रेनों में यात्रियों को परेशान करने, अवैध वसूली करने और शांतिभंग करने वाले 522 तृतीय पंथियों पर कार्रवाई की. 1 अप्रैल 2019 से 15 सितंबर 2021 के बीच आरपीएफ ने इनके खिलाफ रेलवे एक्ट के तहत मामले दर्ज कर 5,34,500 रुपये का जुर्माना वसूला. वहीं, ट्रेनों और स्टेशन परिसरों में घूमने या रहने वाले भिखारियों के खिलाफ आरपीएफ नरम नजर आई. 33 महीनों में अवधि में मंडल के तहत केवल 26 भिखारियों पर ही प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की गई. इनसे 19,600 रुपये का आर्थिक दंड वसूला गया. वहीं, इस 1 अप्रैल 2019 से 15 सितंबर तक ट्रेनों में चेन पुलिंग के 974 मामले दर्ज किये गये. इनमें से 259 मामले 1 अप्रैल से 15 सितंबर 2021 के बीच के रहे.