सिक्योरिटी गार्ड को पुलिस बनाकर खतरे में डालेंगे व्यवस्था, देशमुख का फडणवीस पर हमला

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नागपुर. पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि राज्य के डीसीएम व गृह मंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने मुंबई पुलिस दल में महाराष्ट्र राज्य सुरक्षा मंडल के माध्यम से 3,000 पद भरने का निर्णय लिया है. यह महामंडल सिक्योरिटी गार्ड भर्ती का काम करता है. उन्होंने फडणवीस पर सवाल दागा है कि क्या वे सिक्टोरिटी गार्ड को पुलिस में कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर भर्ती कर राज्य की कानून व व्यवस्था को खतरे में डालने का कार्य नहीं कर रहे हैं. उन्होंने इस निर्णय का निषेध करते हुए उक्त आदेश को रद्द करने की मांग की है.

उन्होंने कहा कि राज्य में पुलिस भर्ती के लिए बीते ढाई-तीन वर्ष से युवक-युवतियां तैयारी कर रहे हैं कि उन्हें पुलिस की शासकीय नौकरी मिलेगी लेकिन पुलिस में ठेका पद्धति से सिक्योरिटी गार्ड की भर्ती करने की घोषणा फडणवीस ने की है. यह युवाओं के जख्मों पर नमक रगड़ने जैसा है. पुलिस पर कानून-व्यवस्था बनाये रखने के साथ ही अपराधों की जांच की जिम्मेदारी होती है, क्या सिक्योरिटी गार्ड ऐसा कर पाएंगे. 

6 सितंबर का GR किसने निकाला

देशमुख ने कहा कि फडणवीस कॉन्ट्रैक्ट भर्ती का ठीकरा तत्कालीन मविआ सरकार के सिर पर फोड़ने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने सवाल किया कि तहसीलदार व नायब तहसीलदार पद की कॉन्ट्रैक्ट भर्ती का 6 सितंबर 2023 को जीआर किसने निकाला था? इसका जवाब पहले दें. जलगांव कलेक्टर ने तहसीलदार व नायब तहसीलदार की कॉन्ट्रैक्ट भर्ती का विज्ञापन निकाला था और 6 सितंबर के जीआर का हवाला दिया था. तब पूरे राज्य में युवा भड़के और जीआर को रद्द करने की मांग की. उस दबाव के चलते सरकार को यह जीआर रद्द करना पड़ा.

देशमुख ने कहा कि मविआ सरकार के समय डेटा एंन्ट्री ऑपरेटर व मोबाइल टीचर्स जैसे पदों की भर्ती कॉन्ट्रैक्ट बेस पर करने का निर्णय लिया गया था लेकिन इस सरकार ने तो महत्वपूर्ण पदों की भर्ती ही कॉन्ट्रैक्ट बेस पर करने का जीआर निकाला जिसे अंतत: रद्द करना पड़ा. फडणवीस अब झूठा दावा कर रहे हैं जिसके लिए क्या वे माफी मांगेंगे.