फसल बीमा कंपनियों की हो उच्च स्तरीय जांच; बावनकुले का दावा, मविआ सरकार के काल में भ्रष्टाचार

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    नागपुर. महाविकास आघाड़ी सरकार ने बीमा कंपनियों को पैसे दिये लेकिन ढाई वर्षों में कभी भी इसकी समीक्षा नहीं की गई. नियंत्रण नहीं होने से कंपनियों ने बड़े पैमाने पर अनियमितता की. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने दावा करते हुए इसे मविआ सरकार की असफलता करार दिया. उन्होंने फसल बीमा कंपनियों के भ्रष्टाचार की उच्च स्तरीय जांच की मांग की.  

    पत्रकारों से चर्चा में बावनकुले ने कहा कि मविआ सरकार के कार्यकाल में कृषि मंत्री और किसी भी पालक मंत्री ने फसल बीमा की समीक्षा नहीं की. खरीफ की भी समीक्षा बैठक नहीं ली गई. कंपनियां सरकार से रकम लेती रही, लेकिन किसानों को रकम मिली या नहीं, इस ओर ध्यान देने वाला कोई नहीं था. कंपनियों पर किसी भी तरह का नियंत्रण नहीं था. उन्होंने कहा कि आदित्य ठाकरे झूठ बोल रहे हैं. वेदांता प्रकल्प की जानकारी सूचना के अधिकार के बाद सामने आई.

    इसमें बताया गया कि पिछली सरकार ने वेदांता को जगह ही नहीं दी थी. इस बारे में कोई बैठक भी नहीं हुई. महाविकास आघाड़ी सरकार की अक्षमता के कारण वेदांता प्रकल्प चला गया. उद्धव ठाकरे 18 महीने तक मंत्रालय में नहीं आये. इस हालत में कंपनी के अधिकारियों से कौन चर्चा करेगा. वेदांता के लिए कोई जीआर भी नहीं निकाला गया. उन्होंने राज्यपाल के बयान पर कहा कि उदयनराजे हों या फिर हम, राज्यपाल का समर्थन नहीं करते. हालांकि राज्यपाल का पद संवैधानिक है. उन्हें हटाने का अधिकार सरकार को नहीं है.