Ganja Smuggling, Naxalites

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नागपुर. शहर के रास्ते हो रही गांजा की तस्करी के मामले में ग्रामीण पुलिस की लोकल क्राइम ब्रांच ओड़ीसा में बैठे माफिया तक पहुंची. उसने कई सनसनीखेज खुलासे किए. पुलिस को जानकारी मिली है कि गांजा तस्करी के पैसों से नक्सलियों को फंडिंग की जाती है. अब पुलिस ने इस दिशा में जांच शुरु की है. ज्ञात हो कि बीते माह ग्रामीण पुलिस ने बूटीबोरी में जाल बिछाकर एच.आर.55-एस.2346 नंबर का ट्रक पकड़ा था. ट्रक के भीतर एक खाचा तैयार किया गया था, जिसमें 495 किलो गांजा बरामद हुआ था.

आमतौर पर पुलिस की जांच केवल ट्रक ड्राइवर और माल मंगवाने वाले तक सीमित रह जाती है, लेकिन एसपी हर्ष पोद्दार ने एलसीबी को मामले की तह तक जाने के निर्देश दिए. ट्रक चालक ने बताया कि उसे वाराणसी, उत्तरप्रदेश निवासी आलोक रामविलास सिंह (35) ने माल लेने के लिए ओड़ीसा भेजा था. तुरंत एक टीम वाराणसी रवाना हुई और आलोक को गिरफ्तार कर नागपुर लाया गया. आलोक ने बताया कि उसने ओड़ीसा के कोरापुट में रहने वाले रुपु नंदा पांगी (32) से माल मंगवाया था.

पुलिस कोरापुत तो पहुंची लेकिन रुपु को गिरफ्तार करना काफी मुश्किल था, क्योंकि वह घने जंगल नक्सल प्रभावित क्षेत्र का रहने वाला था. काफी मशक्कत के बाद उसे योजनाबध्द तरीके से जंगल से बाहर बुलाकर गिरफ्तार किया गया. पुलिस को जानकारी मिली है कि रुपु घने जंगलों में ग्रामीणों से गांजा की खेती करवाता है. गांजा तस्करी की कमाई का बड़ा हिस्सा नक्सल फंडिंग के लिए उपयोग किया जाता है क्योंकि बगैर नक्सलियों की मिलीभगत के गांजा की खेती नहीं हो सकती. इसीलिए पुलिस नक्सल एंगल की भी जांच कर रही है. रुपु कालाहांडी, बालांगीर और कोरापुत (केबीके) रीजन का सबसे बड़ा गांजा डीलर है. वह देश के विभिन्न राज्यों में गांजा की तस्करी करता है. वहीं आलोक भी यूपी का बड़ा गांजा विक्रेता है. वाराणसी के अलावा गाजीपुर और चंदौली में भी वह माल बेचता है.

जेल में हुई थी पांगी से पहचान

जांच में पता चला कि 2016 में दहेज प्रताड़ना के मामले में आलोक को गिरफ्तार किया गया था. करीब 6 महीनों तक वह जेल में था. जेल में उसकी हरिहर नामक गांजा तस्कर से हुई. जेल से छूटने के बाद हरिहर 2020 में दोनों ने मिलकर गांजा तस्करी का धंधा करने के बारे में सोचा लेकिन कोरोना लॉकडाउन लग गया.  2022 में आलोक विशाखापट्टनम में पांगी से मिला. दोनों में डील तय हुई. तब से आलोक पांगी से गांजा खरीद कर यूपी के वाराणसी, गाजीपुर, चंदोली समेत आसपास के शहरों में बेचता था. अब तक वह 35 बार ओड़ीसा से माल मंगवा चुका है. हर बार 300 से 500 किलो तक गांजा वाराणसी भेजा जाता था. एसपी पोद्दार ने बताया कि पुलिस हाईवे पर वाहनों की आवाजाही पर कड़ी निगरानी कर रही है. इस तरह की और भी गैंग सक्रिय होने की जानकारी मिली है.