- 361 ग्रापं पर हुए चुनाव
- 237 ग्रापं पर भाजपा ने कहा, हम जीते
- 223 पर मविआ ने जताया कब्जा
नागपुर. जिले के 361 ग्राम पंचायतों में 361 सरपंच और 2,999 सदस्यों के लिए हुए चुनाव परिणाम का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा था. जैसे ही चुनाव परिणाम आए तो सभी पार्टियों ने अपनी-अपनी जीत का दावा किया. दोनों खेमों ने जीत का जश्न मनाया. ढोल-ताशों के धुन में डांस करते कार्यकर्ताओं ने गुलाल उड़ाये व अपने-अपने नेताओं के समर्थन में नारेबाजी कर खुशी जताई. भाजपा ने दावा किया कि 237 ग्रापं में उसका कब्जा हुआ है. 237 सरपंच और 2,999 सदस्यों में 1,821 सदस्य चुनकर आए हैं.
जिलाध्यक्ष सुधाकर कोहले ने दावा किया कि भाजपा द्वारा ग्रामीण विकास के लिए किये गए कार्यों के चलते जनता ने उसे अपना आशीर्वाद दिया है. वहीं कांग्रेस ने दावा किया है कि महाविकास आघाड़ी ने 223 ग्राम पंचायतों पर विजय हासिल की है. जिलाध्यक्ष राजेन्द्र मूलक ने दावा किया कि इसमें कांग्रेस के 137, राकां शरद पवार गुट के 84 और यूबीटी शिवसेना ने 2 ग्रापं पर विजयी झंडा फड़काया है. उनका दावा है कि महायुति यानी भाजपा-शिवसेना शिंदे-राकां अजीत पवार गुट को केवल 116 ग्रापं में सफलता मिली हैं. भाजपा की मनमानी व भ्रष्टाचार और गलत नीतियों से त्रस्त ग्रामीण जनता ने कांग्रेस सहित मविआ पर विश्वास जताया है.
भाजपा ने पेश किये सबूत
जिलाध्यक्ष कोहले व पूर्व विधायक आशीष देशमुख ने प्रेस परिषद में सबूतों के साथ अपनी जीत का दावा किया. उन्होंने बताया कि ग्रापं चुनाव के नामांकन दाखिल करते समय ही भाजपा समर्थित पैनल के सरपंचों से प्रतिज्ञा पत्र लिया गया था कि वे भाजपा समर्थित हैं. उन्होंने सरपंचों के हस्ताक्षर वाले पत्र भी दिखाए. कोहले ने कहा कि जिले के 5 ग्रापं में सरपंच निर्विरोध चुने गए जिसमें से 4 भाजपा के हैं. देशमुख ने इस जीते के लिए केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण विकास के लिए किये गए विकास कार्यों को श्रेय दिया व भाजपा पर भरोसा करने के लिए जनता का आभार माना. उन्होंने उमरेड विस क्षेत्र में 58, काटोल विस क्षेत्र में 59, कामठी विस में 31, रामटेक में 27, सावनेर में 25 और हिंगना विस क्षेत्र में 38 सरपंचों के जीत का दावा किया. इस दौरान पूर्व जिलाध्यक्ष अरविंद गजभिये, अनिल निधान, संध्या गोतमारे, अशोक धोटे सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे.
एक-दूसरे पर झूठे दावे का आरोप
महायुति व मविआ के नेताओं ने एक-दूसरे पर जीत के झूठे दावे करने का आरोप भी लगाया. कांग्रेस जिलाध्यक्ष मूलक ने दावा किया कि महायुति को महज 116 ग्राम पंचायतों में ही जीत मिली है जिसमें भाजपा को 105, राकां अजीत पवार गुट को केवल 1 और शिवसेना शिंदे गुट को 10 जगहों पर ही जीत हासिल हुई है. भाजपा की करारी हार का उन्होंने दावा किया. सुनील केदार व कांग्रेस नेताओं के मार्गदर्शन में सभी विस क्षेत्रों में मविआ को सफलता मिली है और बड़े-बड़े नेताओं के घर में भाजपा को जनता ने नकार दिया. वहीं भाजपा ने भी पलटवार करते हुए कहा कि हमेशा की तरह झूठे दावे करने की बजाय कांग्रेस-राकां के नेता सूबत दिखाएं जैसा कि हमने दिखाया है.
देशमुख व केदार का दबदबा
पूर्व मंत्री सुनील केदार और अनिल देशमुख का अपने विस क्षेत्रों में दबदबा बरकरार रहा है. देशमुख ने दावा किया कि काटोल-नरखेड़ में 83 में 68 ग्रापं में राकां शरद पवार की एकतरफा जीत हासिल हुई है. नरखेड़ के खरसोली में अजीत पवार गुट का सरपंच चुनकर आया लेकिन वहां भी 9 में से 7 सदस्य देशमुख गुट से विजयी हुए हैं. काटोल तहसील में 52 में से 42 और नरखेड़ के 29 में से 24 ग्रापं पर देशमुख ने जीत का दावा किया. वहीं सावनेर-कलमेश्वर विस क्षेत्र में केदार ने वर्चस्व का दावा किया है. सावनेर के 26 में से 19 और कलमेश्वर के 21 में से 18 ग्रापं पर कांग्रेस की जीत हुई है.
धापेवाड़ा में कांग्रेस
कुछ उलटफेर भी हुए हैं. केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी के स्वग्राम धापेवाड़ा ग्राम पंचायत में कांग्रेस की जीत हुई है. यहां भाजपा की निशा खड़से हार गई और कांग्रेस की मंगला शेट सरपंच बनी हैं. 17 सदस्यों में 10 कांग्रेस, भाजपा 6 व 1 निर्दलीय की जीत हुई है. मनसे ने 3, गोंडवाना ने 3, बसपा ने २ ग्रापं पर जीत का दावा किया है वहीं 15 जगहों पर निर्दलीय जीते हैं. रामटेक तहसील में आशीष जायसवाल के गांव काचुरवाही में उनका पैनल जीता है तो खैरी बिजेवाड़ा में कांग्रेस के उदयसिंह यादव के भाई रणवीर यादव के पैनल की जीत हुई है. उनकी पूरे जिले में सर्वाधिक वोटों से जीत हुई है. मेटपांजरा में मनसे के तहसील अध्यक्ष अनिल नेहारे जीते हैं. उमरेड में विधायक राजू पारवे ने 26 में से 21 ग्रापं में कांग्रेस की जीत का दावा किया है.