license of the hawkers will be canceled
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    नागपुर. अतिक्रमण के नाम पर फुटपाथ दूकानदारों और सब्जी विक्रेताओं के खिलाफ हो रही कार्रवाई तथा हॉकर्स जोन में जगह उपलब्ध कराने की मांग को लेकर सब्जी, फल, मटन, चिकन, मछली, चाय, पान के विक्रेता फुटपाथ दूकानदार संस्था की ओर से टाउन वेंडिंग कमेटी को ज्ञापन सौंपा गया था. इस पर निर्णय नहीं लिए जाने पर हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई.

    याचिका पर सुनवाई के दौरान टाउन वेंडिंग कमेटी को मंजूरी देने का प्रस्ताव राज्य सरकार के पास लंबित होने की जानकारी मनपा की ओर से उजागर की गई थी. जिस पर हाई कोर्ट के आदेशों के अनुसार अब विधि व न्याय विभाग ने इसे हरी झंडी मिलने की जानकारी अदालत को दी. जिस पर हाई कोर्ट ने सभी बाधाएं दूर होने का हवाला देते हुए अब 10 दिनों के भीतर टाउन वेंडिंग कमेटी की अधिसूचना जारी करने के आदेश राज्य सरकार को दिए. याचिकाकर्ता की ओर से अधि. मो. अतिक, सरकार की ओर से अधि. एच.एन. जयपुरकर और मनपा की ओर से अधि. जैमीनी कासट ने पैरवी की.

    सदस्यों की नियुक्ति के दिए थे निर्देश

    गत सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि 26 अक्टूबर 2021 को राज्य सरकार के नगर विकास विभाग की ओर से मनपा को पत्र भेजा गया था. जिसमें मनपा आयुक्त को टाउन वेंडिंग कमेटी पर कमेटी सदस्यों की नियुक्ति करने के निर्देश जारी किए गए थे. साथ ही इस संदर्भ में उचित कदम उठाने के निर्देश मनपा को दिए थे. राज्य सरकार से पत्र जारी किए जाने के बाद मनपा ने नगर विकास विभाग को पत्र भेजकर कुछ खुलासा करने का अनुरोध किया. जिसमें अध्यादेश जारी करने की पहल मनपा से की जाए क्या?. इस पर मार्गदर्शन करने का अनुरोध किया गया. मनपा की ओर से पैरवी कर रहे अधि. जैमीनी कासट ने अदालत को बताया कि 20 दिसंबर 2021 और 9 फरवरी 2022 को राज्य सरकार को पत्र भेजा गया. किंतु अब तक कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुए. 

    विधि व न्याय विभाग की हरी झंडी

    राज्य सरकार की ओर से पैरवी कर रहे सरकारी वकील ने बताया कि टाउन वेंडिंग कमेटी में सदस्यों की नियुक्ति के बाद उनके नामों के साथ अधिसूचना जारी करने का नियम है. इस संदर्भ में विधि और न्याय विभाग से अधिसूचना जारी करने के लिए दिशानिर्देश मांगे गए थे. साथ ही इसका प्रारूप भी निर्धारित किया गया. विधि व न्याय विभाग से अब हरी झंडी मिलने के कारण राज्य सरकार की ओर से जल्द ही टीवीसी के गठन को लेकर अधिसूचना जारी कर दी जाएगी. सरकार की ओर से खुलासा किए जाने के बाद अदालत ने यह आदेश जारी किए.