STUDENTS
छात्र (फाइल फोटो)

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नागपुर: अब तक विद्यार्थियों (Students) को इंटर्नशिप(Internship) के लिए विविध कंपनियों में भेजा जाता था लेकिन भविष्य में सरकारी विभागों में भी इंटर्नशीप संभव हो सकेगी।  इस तरह छात्र सरकारी कार्यालयों में कामकाज की प्रणाली के बारे में जानकारी हासिल कर सकेंगे।  इस संबंध में उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग (Higher and Technical Education Department) द्वारा नीति तैयार की जा रही है। 

इससे पहले उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग ने छात्रों के कार्य प्रशिक्षण के लिए विवि और महाविद्यालयीन स्तर पर ‘इंटर्नशिप सेल’ गठित करने के निर्देश दिये थे।  विभाग ने शासकीय विभागों में इंटर्नशिप के लिए अभिप्राय लेकर मसौदा तैयार किया है।  इसके अनुसार अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) द्वारा इंटर्नशिप के लिए विकसित की गई वेबसाइट पर शासकीय विभागों की जानकारी समाविष्ट करना है ताकि छात्र चयन कर सकें।  इंटर्नशिप के अवसर के लिए विभागों में समन्वयकों की नियुक्ति की जाएगी।  इंटर्नशिप फुल टाइम होगी या पार्ट टाइम, यह संबंधित विभाग स्तर पर तय किया जाएगा।  साथ ही विभाग ही छात्रों का चयन करेगा। 

सभी पाठ्यक्रम के लिए अनिवार्य

छात्रों को आवेदन करने के लिए 7 दिन और चयन प्रक्रिया के लिए 10 दिन का समय दिया जाएगा।  हालांकि इंटर्नशिप स्नातक के अंतिम वर्ष में 6 महीने की हो होती है लेकिन इससे अधिक इंटर्नशिप के लिए विवि से चर्चा कर विशेष संशोधन प्रकल्प के रूप में किया जा सकेगा।  इसके लिए विभाग द्वारा पर्यवेक्षक की नियुक्ति की जाएगी।

पर्यवेक्षक संबंधित विवि, महाविद्यालय के इंटर्नशिप सेल के साथ समन्वय रखेगा।  इंटर्नशिप के बाद पर्यवेक्षक द्वारा मूल्यांकन कर छात्रों को श्रेणी या अंक दिये जाएगे।  इंटर्नशिप की रिपोर्ट विवि और कॉलेज को भेजी जाएगी।  जिस कॉलेज के पास जो शासकीय कार्यालय होगा उन्हें वहीं प्राथमिकता दी जाएगी।  कौशल प्राप्त छात्रों को इंटर्नशिप के दौरान विद्या वेतन देने पर भी विचार किया जा रहा है।  मौजूदा स्थिति में प्रोफेशनल कोर्सेस में ही इंटर्नशिप लागू की गई है लेकिन नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद सभी पाठ्यक्रमों के लिए अनिवार्य हो जाएगी।