Sunil Kedar
सुनील केदार

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    नागपुर. विधान परिषद के नागपुर विभागीय शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव में महाविकास आघाड़ी के उम्मीदवार सुधाकर अडबाले की जीत के साथ ही एक दशक से अधिक समय तक इस सीट पर कब्जा करने वाले भाजपा समर्थित महाराष्ट्र राज्य शिक्षक परिषद के नागो गाणार को हार का सामना करना पड़ा. इस जीत में पूर्व मंत्री सुनील केदार, प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले की भूमिका महत्वपूर्ण रही. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के गढ़ में भाजपा की हार से भविष्य में राजनीतिक समीकरणों पर भी खासा असर पड़ेगा. पूरा चुनाव स्नातक निर्वाचन की तैयारी के पैटर्न पर लड़ा गया. करीब 5,000 नये मतदाताओं ने भी जीत को आसान बनाया.

    विधायक अभिजीत वंजारी की जीत के लिए विभाग में पार्टी सहित घटक दलों ने एकजुटता दिखाई थी. चुनाव की तैयारी करीब वर्षभर पहले ही कर दी गई थी. शिक्षक चुनाव में भी वही पैटर्न अपनाया गया. अडबाले का चंद्रपुर, वर्धा, गड़चिरोली जिले में अच्छा दबदबा है. वहीं भंडारा, गोंदिया की कमान पटोले और वंजारी ने संभाली. नागपुर जिले में राजेंद्र मुलक, ओबीसी नेता बबनराव तायवाडे, गिरीश पांडे, राकां के दुनेश्वर पेठे सहित घटक दलों के नेता जुटे रहे. पूरे चुनाव में पूर्व मंत्री सुनील केदार प्रचार से लेकर पदाधिकारियों का उत्साह बढ़ाने में जुटे हुए थे. पहले दिन से लेकर जीत के दिन तक केदार सक्रिय रहे. एकजुटता की रणनीति से चुनाव लड़ने का ही नतीजा रहा कि गाणार पहली पसंद के 10,000 वोट भी नहीं हासिल कर सके. 

    दोपहर से ही उत्साह का माहौल 

    शाम 4 बजे से अडबाले करीब 7,000 वोटो से आगे चल रहे थे. तभी लग गया था कि अब उनकी जीत पक्की है. मतदान केंद्र के बाहर शिक्षकों सहित समर्थकों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी. ढोल-तासों के बीच गुलाल लगाया जा रहा था. शाम 6 बजे के बाद पूरा चित्र ही स्पष्ट हो गया. आतिशबाजी के बीच सभी ने जीत का जश्न मनाया. 

    भाजपा नेता नहीं आए नजर 

    दोपहर बाद से ही शिक्षक परिषद सहित भाजपा के नेता नजर नहीं आए. शाम 5 बजे नागो गाणार अपने 2-4 समर्थकों के साथ नजर आए. दरअसल कार्यकर्ताओं को समझ में आ गया था कि इस बार सीट निकलना मुश्किल है. इसकी वजह भी अनेक रहीं. गाणार के नाम पर कुछ पदाधिकारियों में एकजुटता नहीं थी लेकिन उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा नाम की घोषणा की वजह से कोई भी आवाज नहीं उठा सका, जबकि दबे तौर पर प्रचार से दूर रहे. 

    मेहनत रंग लाई

    अडबाले को जीत का प्रमाणपत्र मिलने के बाद कार्यकर्ताओं ने अजनी चौक पर जश्न मनाया. ढोल-तासों के बीच स्वागत किया गया. इस अवसर पर प्रफुल्ल गुडधे, नरेंद्र जिचकार, रमन ठवकर, ईश्वर बालबुधे, अतुल कोटेचा, हेमराज कोंडे, प्रा. शरयू तायवाडे, रानी डोंगरे, कोठेकर, महेंद्र भांगे, नंदू माटे,आशुतोष बेलेकर,अमित जिचकार, अविनाश गोतमारे, संतोष सिंह, श्रीकांत घोंगरे आदि उपस्थित थे.