Nagpur Vidhan Bhavan

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नागपुर : महाराष्ट्र (Maharashtra) में विपक्षी विधायकों की ओर से सरकारी अस्पतालों में उचित उपचार के अभाव में 3 महिलाओं की मौत होने का दावा किये जाने के बाद बुधवार को सत्तारूढ़ गठबंधन के सदस्यों ने राज्य के स्वास्थ्य विभाग की आलोचना की। 

इसके बाद महाराष्ट्र विधानसभा के मौजूदा शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्षी सदस्यों ने यह कहते हुए सदन से बहिर्गमन किया कि वे इस विषय पर स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत के जवाब से संतुष्ट नहीं हैं। प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक वर्षा गायकवाड़ ने गढ़चिरौली जिले की दो महिलाओं तथा बुलढाणा की एक महिला के स्वास्थ्य का मुद्दा उठाया। बुलढाणा की महिला को गर्भ संबंधी जटिलता के कारण अकोला ले जाया गया था।

चर्चा के दौरान शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट के विधायक संजय गायकवाड़ तथा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक योगेश सागर ने स्वास्थ्य विभाग की तीखी आलोचना की। सागर ने कहा कि गर्भवती विद्या गवांडे को इलाज के लिए बुलढाणा के सरकारी अस्पताल में ले जाया गया था। उन्होंने कहा, ‘‘प्राप्त जानकारी से पता चला कि भ्रूण मर चुका था, उसके बाद भी महिला को लंबे समय तक अस्पताल में रखा गया और बाद में अकोला ले जाने की सलाह दी गयी। यह बिल्कुल गैर पेशेवर अंदाज है और उसे अकोला अस्पताल नहीं भेजा जाना चाहिए था। आखिरकार उसकी मौत हो गयी।”

संजय गायकवाड़ ने कह कि मरीजों की मौत के लिए जिम्मेदार स्वास्थ्य अधिकारियों को ही ऐसी घटनाओं की जांच करने को कहा गया है। उन्होंने कहा, ‘‘इससे स्वास्थ्य विभाग के कामकाज में कभी सुधार नहीं होगा।”

स्वास्थ्य मंत्री एवं शिवसेना विधायक सावंत ने कहा, ‘‘ मैं तीन महिलाओं की मौत की जांच के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव को नियुक्त करूंगा। मैं अतिरिक्त मुख्य सचिव को जांच की रिपोर्ट सौंपने के लिए 15 दिनों का समय दूंगा।”

लेकिन सत्तारूढ़ गठबंधन के सदस्य एवं विपक्षी सदस्य मंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए। विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वाडेत्तिवार ने कहा, ‘‘ स्वास्थ्य मंत्रालय के कामकाज का तरीका अस्वीकार्य है। लोग मर रहे हैं लेकिन सरकार की ओर से कोई गंभीरता नहीं दिखाई पड़ती है। हम इसकी निंदा करते हैं।”

इसके बाद विपक्षी सदस्य सदन से बाहर चले गये।