नागपुर. कार्यालय प्रतिनिधि. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को जान से मारने की धमकी मामले में अहम भूमिका सामने आने के बाद शहर पुलिस ने आतंकवादी अफसर उर्फ बशीरुद्दीन पाशा (45) को बेलगाम जेल से गिरफ्तार कर लिया. रविवार को उसे कोर्ट में पेश किया गया और 5 दिन की पुलिस हिरासत में लिया गया. हिरासत में उसने कई सनसनीखेज खुलासे किए. पाशा सऊदी अरब के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के संपर्क में आया. संगठन में शामिल होने के बाद उसे बांग्लादेश में बम बनाने का प्रशिक्षण दिया गया.
अफसर पाशा मूल रूप से बेंगलुरु का रहने वाला है. उसने सातवीं कक्षा तक अपनी शिक्षा पूरी की है. पाशा की एक पत्नी और एक बेटा भी है. पिता और भाई उसके परिवार की देखभाल करते हैं. पूर्व में पाशा एक कार गैरेज में काम करता था. आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण रिश्तेदार की मदद से वह सऊदी अरब चला गया. 1998 से 2000 तक पाशा सऊदी में रहा. इस दौरान उसकी पहचान आतंकी संगठन के सदस्यों से हुई. आतंकियों से उसके अच्छे संबंध बन गए. पाशा को आतंकी संगठन में शामिल किया गया और प्रशिक्षण के लिए बांग्लादेश भेज दिया गया. वह दो महीने तक बांग्लादेश में रहा. वहां उसने बम बनाने का प्रशिक्षण लिया. पुलिस हिरासत में पूछताछ के दौरान पाशा ने यह जानकारी दी.
सीने में दर्द की शिकायत
पाशा की पुलिस हिरासत 19 जुलाई को खत्म हो रही है. पुलिस उसे दोबारा कोर्ट में पेश करेगी और पुलिस हिरासत बढ़ाने का अनुरोध करेगी. इसी बीच शाम को पाशा ने सीने में दर्द होने की शिकायत की. पुलिस कड़ी सुरक्षा में उसे मेडिकल अस्पताल ले गई. मेडिकल जांच और उपचार पूरा होने के बाद उन्हें वापस लाया गया.