Super Specialty Hospital Nagpur
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    नागपुर. कोरोना के प्रतिबंधों के बाद से सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल में किडनी प्रत्यारोपण बंद हो गया था लेकिन अब फिर इस केंद्र को मंजूरी मिल गई है. साथ ही विशेषज्ञ डॉक्टर उपलब्ध होने से जल्द ही प्रत्यारोपण की प्रक्रिया शुरू हो सकेगी. इससे 2 वर्ष से प्रतीक्षा कर रहे मरीजों को राहत मिलेगी.  

    कोरोना के बढ़ते प्रकोप के साथ ही किडनी ट्रांसप्लांट केंद्र की समय सीमा खत्म होने और ‘नेफ्रोलॉजिस्ट’ के सेवानिवृत्त होने की वजह से सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल का किडनी ट्रांसप्लांट केंद्र बंद हो गया था. इस बीच एम्स ने किडनी ट्रांसप्लांट के लिए विभाग तैयार किया. इस वजह से मेडिकल प्रशासन पर दबाव बढ़ने लगा था. अधिष्ठाता डॉ. राज गजभिये ने पिछले 2-3 महीनों में सतत फॉलोअप किया. इसके बाद प्रशासन द्वारा ठेकेदारी पद्धति पर सहयोगी प्राध्यापक यानी ‘नेफ्रोलॉजिस्ट’ के तौर पर डॉ. पीयूष किंमतकर की नियुक्ति की गई. विशेषज्ञ मिलने के बाद अस्पताल ने वेटिंग लिस्ट में शामिल 2 मरीजों की जांच भी की. इन दोनों मरीजों के परिजनों ने किडनी दान करने की तैयारी दिखाई. उनकी भी पड़ताल कर ली गई है. अब जल्द ही ट्रांसप्लांट की दिशा में कदम बढ़ाया जाएगा.

    कोरोना काल में केंद्र हुआ था बंद 

    दरअसल सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में २०१६ में किडनी प्रत्यारोपण केंद्र शुरू हुआ. यह राज्य में शासकीय स्तर पर शुरू होने वाला पहला केंद्र था. केंद्र में राजीव गांधी जीवनदायी आरोग्य योजना से पहला किडनी ट्रांसप्लांट किया गया. इसके बाद से प्रत्यारोपण की संख्या बढ़ती गई लेकिन २०१९ के बाद करोना का प्रादुर्भाव शुरू हुआ और केंद्र को बंद कर दिया गया. केंद्र को हर वर्ष 5 वर्ष के लिए स्वास्थ्य विभाग से मंजूरी लेनी पड़ती है लेकिन कोरोना की वजह से मंजूरी भी नहीं मिल सकी थी. अब केंद्र को नये सिरे से मंजूरी मिल गई है. साथ ही विशेषज्ञ की नियुक्ति होने से ट्रांसप्लांट का मार्ग खुल गया है. विशेषज्ञ के साथ ही वरिष्ठ निवासी डॉक्टर भी मिल गये हैं. इन दिनों डायलेसिस की संख्या बढ़ गई है. 2016 से लेकर 2022 तक सुपर में कुल 64 ट्रांसप्लांट किए गए थे.