
- 23,703 लोगों को सिटी में मिली वैक्सीन
- 18,018 लोगों को ग्रामीण में मिला लाभ
नागपुर. कोरोना महामारी की त्रासदी से बचाव के लिए उपायों में वैक्सीनेशन को भले ही कारगर माना जा रहा हो लेकिन वैक्सीन उपलब्ध नहीं होने से अब तक का टीकाकरण अभियान लड़खड़ाता रहा है. अब 18 प्लस के लिए भी वैक्सीन उपलब्ध कराए जाने से बुधवार को सम्पूर्ण जिले में रिकॉर्ड वैक्सीनेशन दर्ज किया गया. पहली बार यह आंकड़ा 42,000 के करीब पहुंचा है. जिले के ग्रामीण हिस्से में जहां 18,018 लोगों को वैक्सीन लगाई गई, वहीं शहर के भीतर 23,703 लोगों को वैक्सीन दी गई है.
विशेषत: कोरोना की दूसरी लहर की भयावहता उजागर होने तथा अब तीसरी लहर उससे अधिक घातक होने की संभावना के चलते वैक्सीनेशन अभियान में धीरे-धीरे तेजी आ रही है. अब तक सरकार की ओर से वैक्सीन उपलब्ध नहीं होने के कारण भी लोगों में उदासीनता का वातावरण बना हुआ था किंतु अब यह उपलब्ध होने से अभियान में गति आई है.
18 प्लस में सर्वाधिक उत्साह
सूत्रों के अनुसार 21 जून से ही देश के अलग-अलग हिस्सों में 18 प्लस को वैक्सीन देने का अभियान शुरू किया गया था किंतु केंद्र सरकार की ओर से वैक्सीन नहीं मिलने से राज्य द्वारा इस वर्ग के लिए वैक्सीन का आवंटन नहीं किया गया था. 2 दिन देर से ही सही, लेकिन अब 18 प्लस का अभियान शुरू किया गया. इसके लिए राज्य सरकार की ओर से कोविशिल्ड वैक्सीन उपलब्ध कराई गई.
आलम यह है कि 18 प्लस का अभियान केवल सिटी में ही 106 सेंटर्स पर चलाया गया जबकि जिले में इसकी संख्या इससे अधिक रही है. सेंटर्स भी बढ़ाए जाने से बुधवार को जहां जिले में रिकॉर्ड ब्रेक वैक्सीनेशन हुआ, वहीं 18 प्लस में सर्वाधिक उत्साह देखा गया. यही कारण है कि सिटी के सेंटर्स पर एक दिन में 18 प्लस वर्ग में 20,261 लोगों को वैक्सीन दिया गया है.
दूसरे डोज का अंतर कम हो
18 वर्ष की आयु 2 दिन पहले पूरी करनेवाले अंकुश मेश्राम ने 18प्लस का वैक्सीन अभियान शुरू होते ही आसीनगर जोन अंतर्गत ललित कला भवन के सेंटर पर वैक्सीन ली. उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों ने अथक प्रयास कर कम समय में वैक्सीन बनाई है. आधुनिक युग में इतनी जल्दी वैक्सीन बनाने का भी संभवत: यह रिकॉर्ड है. वैज्ञानिकों का परिश्रम बेकार नहीं जाना चाहिए. इसके विपरीत तुलनात्मक दृष्टि से वैक्सीन से कोई नुकसान नहीं है. अत: वैक्सीन को लेकर फैलाए गए सम्भ्रम के चलते भले ही वरिष्ठ नागरिक वैक्सीन लेने में कतरा रहे हों लेकिन युवा वर्ग को आगे आना चाहिए. इसी तरह सरकार की ओर से पहले और दूसरे डोज का अंतर कम किया जाना चाहिए.
8 लाख के करीब पहुंचा वैक्सीनेशन
पहला डोज :-
स्वास्थ्य सेवक 46,118
फ्रंट लाइन वर्कर 53,265
18 प्लस उम्र के युवा 36,826
30 से 44 वर्ग में 34,957
45 प्लस उम्र के 1,44,983
45 प्लस कोमोरबिड 85,283
60 प्लस सभी लोग 1,81,891
पहला डोज – कुल 5,83,323
दूसरा डोज :-
स्वास्थ्य सेवक 24,753
फ्रंट लाइन वर्कर 21,482
18 प्लस उम्र के युवा 7,378
45 प्लस उम्र के 34,830
45 प्लस कोमोरबिड 20,293
60 प्लस सभी लोग 83,519
दूसरा डोज – कुल 1,92,255