Filthiness in Samudrapur, Dengue

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    नागपुर. बरसात का मौसम शुरू हो चुका है. भले मानसून कमजोर हो लेकिन तापमान के उतार-चढ़ाव से शहर के रिहायशी इलाकों में मच्छरों का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है. जिससे लोगों को डेंगू और मलेरिया का डर सताने लगा है. डॉक्टर भी इस बारे में चिंता जाहिर करने लगे हैं. उनका कहना है कि मच्छरों की संख्या बढ़ना किसी भी प्रकार से अच्छा संकेत नहीं है. इसके लिए तुरंत मनपा के स्वास्थ्य विभाग को दवा का छिड़काव कराना चाहिए जिससे मच्छरों की संख्या पर कंट्रोल हो सके. अगर इसी तरह संख्या बढ़ी तो अस्पतालों में डेंगू ओर मलेरिया के मरीज बड़ी संख्या में आ सकते हैं.

    इस मामले में शहरवासियों का कहना है कि अभी तक वे मच्छरों के प्रकोप से बचने के लिए खुद के स्तर पर प्रयास कर रहे हैं. इसके लिए वे बाजार में आने वाले विभिन्न उत्पादों का उपयोग कर रहे हैं लेकिन कई मच्छर भगाने वाले उत्पाद काम ही नहीं कर रहे हैं. यानी मच्छरों पर इसका कोई असर नहीं हो रहा है. कुछ असर कर भी रहे हैं तो उनका स्वाथ्य पर बुरा असर पड़ने की संभावना है. ऐसे में लोगों को समझ नहीं आ रहा कि वे मच्छरों से बचने के लिए क्या उपाय करें. शहर में कई खाली प्लॉट और जगह हैं जहां बारिश का पानी एकत्रित हो जाता है. यहीं से मच्छर घरों में घुसकर लोगों को बीमार कर रहे हैं. इसीलिए दवा छिड़काव की मांग की जा रही है.

    बढ़ रही है दवाओं की खपत

    स्वास्थ्य विभाग भले दवा का छिड़काव कराने में देरी कर रहा हो लेकिन लोगों ने अपने स्तर पर मच्छरों से मुकाबला करने के लिए मच्छर मारने वाली दवाओं की खरीदी शुरू कर दी है. बाजार में इस समय कई प्रकार की कॉइल के साथ अगरबत्ती और जेल में दवाएं उपलब्ध हैं, जिनकी खपत धीरे-धीरे बढ़ रही है. व्यापारियों का कहना है कि इन दवाओं का हर साल करोड़ों का कारोबार है. इस बार बारिश सही तरीके से न होने के कारण मच्छरों का प्रकोप कुछ ज्यादा है. लोगों को डर है कि कहीं मच्छर उन्हें डेंगू और मलेरिया का शिकार न बना दें.