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  • 25 हजार रु. का ठोंका जुर्माना

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नागपुर. बुधवार को कृषि उत्पन्न बाजार समिति (एपीएमसी) को उस समय हाईकोर्ट की नाराजगी झेलनी पड़ गई, जब बकरा मंडी स्थानांतरित करने के संदर्भ में गलत जानकारी प्रेषित करने के लिए न्यायाधीश रवि देशपांडे और न्यायाधीश अमित बोरकर ने एपीएमसी पर 25 हजार रु. का जुर्माना ठोंक दिया. यहां तक कि यह निधि 8 दिनों के भीतर कोर्ट में जमा करने और कार्यालय को उक्त निधि सीएम रिलिफ फंड के कोविद-19 को सौंपने के आदेश दिए. साथ ही अदालत ने हर हाल में 2 सप्ताह के भीतर कलमना एपीएमसी में बकरा मंडी स्थानांतरित करने के आदेश भी दिए.

उल्लेखनीय है कि मोमीनपुरा कन्टेन्मेंट जोन से वाठोडा में बकरा मंडी स्थानांतरित किए जाने के बाद सिमबायसिस क्वारंटाइन सेंटर के पास खुले जगह पर संचालित हो रही बकरा मंडी से कोरोना का दुष्प्रभाव बढ़ने की संभावना जताते हुए स्थानिय नागरिक उमेश उतखेडे और अन्य की ओर से हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई. याचिकाकर्ता की ओर से अधि. कार्तिक शुकुल, मनपा की ओर से अधि. जैमीनी कासट और एपीएमसी की ओर से अधि. उदय दास्ताने ने पैरवी की.

मनपा उठाए कड़े कदम
अदालत ने आदेश में कहा कि एपीएमसी की ओर से बकरा मंडी के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने हेतू लगभग 4 सप्ताह लगने की जानकारी दी. जबकि 6 सप्ताह का समय देने का अनुरोध भी किया जा रहा है. किंतु यदि ऐसा है, तो 26 मई को हुई सुनवाई के दौरान एपीएमसी की ओर से क्या कहा गया था यह समझ से परे है. उस सुनवाई में समझा जा रहा था कि एपीएमसी 8 दिनों के भीतर तुरंत बकरा मंडी स्थानांतरित करने के लिए तैयार है. इस तरह से एपीएमसी की ओर से पूरी तरह गलत जानकारी प्रेषित की जा रही है. जिसके लिए सुबह की सुनवाई में ही अदालत की ओर से 25 हजार रु. का जुर्माना ठोंक दिया.

दोपहर की सुनवाई के दौरान एपीएमसी की ओर से इस आदेश पर पुनर्विचार करने का अनुरोध एपीएमसी की ओर से किया गया. किंतु अदालत ने अनुरोध को न केवल ठुकरा दिया, बल्की यदि 2 सप्ताह के भीतर बकरा मंडी स्थानांतरित नहीं की गई, तो मनपा को कानून अंतर्गत प्रदत्त अधिकारों के अनुसार 2 सप्ताह के भीतर वाठोडा का मार्केट बंद करने के कड़े कदम उठाने के आदेश भी दिए. 

कत्लखाना या मांस बेचने का मामला विचाराधिन नहीं
अदालत ने आदेश में स्पष्ट किया कि भले ही बकरा मंडी स्थानांतरित करने के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण चलता रहे, लेकिन हर हाल में 2 सप्ताह के भीतर यह स्थानांतरित होना चाहिए. चूंकि वहां पर कत्लखाना और मांस बेचने का मामला याचिका के शामिल नहीं है, अत: इस संदर्भ में किसी तरह के आदेश जारी नहीं किए जा रहे हैं. किंतु 2 सप्ताह बाद वाठोडा के आवासिय क्षेत्रों में बकरा मंडी संचालित ना हो, इसे मनपा को सुनिश्चित करना होगा.

उल्लेखनीय है कि बकरा मंडी स्थानांतरित करने के संदर्भ में दायर याचिका पर एपीएमसी की ओर से स्वीकृति देने के बाद याचिका का निपटारा किया गया था. किंतु आश्वासन के बावजूद वाठोडा में बकरा मंडी का संचालन होने पर आपत्ति जताते हुए याचिकाकर्ता की ओर से हाईकोर्ट में अर्जी दायर की गई. जिस पर उक्त आदेश जारी किए गए.