Nitin Gadkari and Afsar Pasha

Loading

नागपुर. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को जान से मारने की धमकी देने के मामले में आतंकी अफसर उर्फ बशीरुद्दीन पाशा की अहम भूमिका सामने आने के बाद सिटी पुलिस ने उसे बेलगांवी की जेल से गिरफ्तार किया. उसे न्यायालय में पेश कर 5 दिन की कस्टडी मिली है. इस बीच जानकारी मिली है कि पाशा पूर्व में 2 बार नागपुर आ चुका है. वह नागपुर क्यों आया था इसकी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाई है. इसकी पूरी संभावना है कि वह आरएसएस मुख्यालय और गडकरी की रेकी करने के लिए नागपुर आया था. पाशा पहले पीएफआई का राष्ट्रीय सचिव था. इसके बाद वह लश्कर ए तैयबा के संपर्क में आया.

वर्ष 2003 और 2004 में वह नागपुर आया था. लश्कर से जुड़ने के बाद उसने बेंगलुरु में आतंकी हमले की प्लानिंग की थी. दिसंबर 2005 में पाशा और उसके साथियों ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, बेंगलुरु में आयोजित अंतराराष्ट्रीय सम्मेलन में अंधाधुंध फायरिंग की थी. इस हमले में आईआईटी के निवृत्त प्रोफेसर मुनिशचंद्र पुरी की मौत हुई थी और कई लोग जख्मी हुए थे. इस केस में पाशा को आजीवन कारावास की सजा भी सुनाई गई.

शुरुआती पूछताछ में ही पाशा के गुर्गे जयेश कांथा उर्फ पुजारी उर्फ शाकिर ने पुलिस को बताया था कि नितिन गडकरी संघ से जुड़े थे. राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने कर्नाटक में बड़ी रैलियां की थीं. इसीलिए उन्हें धमकाने और मारने की सुपारी दी गई थी. हो सकता है पाशा लंबे समय से नागपुर में किसी बड़े हमले को अंजाम देने की तैयारी में हो. इसके पहले भी कई आतंकी नागपुर आकर संघ मुख्यालय की रेकी कर चुके हैं.

बीते वर्ष पुलिस ने जैश ए मोहम्मद के आतंकी रईस को गिरफ्तार किया था. वह संघ मुख्यालय की रेकी करने नागपुर आया था. यह मामला शुरुआत में जितना साधारण लग रहा था अब उतना ही गंभीर होता जा रहा है. यही कारण है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) प्रकरण की जांच करना चाहती है. इसके लिए मुंबई में 2 अलग-अलग मामले दर्ज किए गए. एनआईए ने पाशा और कांथा से पूछताछ और प्रकरण की जांच के लिए नागपुर में विशेष अदालत से अनुमति भी मांगी है. सोमवार को इसपर फैसला हो सकता है.