Pangolin Poaching: State Tiger Force of Madhya Pradesh got a big success, two accused involved in hunting and illegal trade of rare pangolin arrested
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    नागपुर. कोंढाली फॉर्म हाउस पर इतनी बड़ी मात्रा में बंदूक की गोलियां कहां से आईं? यहां आकर कौन-कौन लोग शिकार करते थे? इस एंगल से वन विभाग की टीम अपनी जांच को आगे बढ़ा रही है. किसी फॉर्म हाउस से शिकार करने का यह पहला मामला है. पूरे इलाके में काफी संख्या में फॉर्म हाउस हैं. ऐसे में आशंका है कि शिकार के शौकीन लोगों को दूसरे फॉर्म हाउस भी इस तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराते होंगे.

    फॉर्म हाउस की मालकिन एक महिला है जिससे महिला अधिकारी ही पूछताछ कर रही हैं. उससे अभी तक कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लगा. महिला का पति युवराज गावंडे भी जानकारी नहीं होने की बात कह रहा है. युवराज गावंडे के नाम से एक लाइसेंसी बंदूक है लेकिन वह थाने में जमा है. उसकी लाइसेंसी बंदूक की गोलियां भी नहीं हैं. ऐसे में सवाल है कि इतनी बड़ी संख्या में बंदूक की गोलियां कहां से आईं? यह गुत्थी सुलझ नहीं पा रही है. आर्म्स एक्ट से जुड़ा मामला होने के कारण वन विभाग की टीम जल्द ही इसकी जांच पुलिस को सौंप सकती है.

    मैनेजर को न्यायिक हिरासत में भेजा

    फॉर्म हाउस के मैनेजर रोशन बापूराव कुडे की एफसीआर समाप्त होने के बाद शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया गया जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया गया. वन विभाग की टीम ने आरोपी कुडे को 3 दिन की हिरासत में लेकर पूछताछ की थी. फिलहाल मैनेजर गुमराह करने वाला जवाब दे रहा है. उसका कहना है कि कुत्तों से बचाने के लिए पैंगोलिन और खरगोश को ड्रम में रख दिया था लेकिन हिरण के सींग कैसे आए? इसका जवाब नहीं दे रहा है. 

    पैंगोलिन को जंगल में छोड़ा

    फॉर्म हाउस से मिले जिंदा पैंगोलिन को शनिवार को जंगल में छोड़ दिया गया परंतु 2 जंगली खरगोशों की हालत खराब होने के चलते उन्हें जंगल में नहीं छोड़ा गया. उनका ट्रीटमेंट सेंटर में इलाज चल रहा है. वन अधिकारियों का कहना है कि कमजोर होने के कारण खरगोश अभी जंगल के वातावरण में रहने के लायक नहीं हैं. हालत में सुधार होते ही उन्हें भी प्राकृतिक वातावरण में छोड़ दिया जाएगा. 

    बेहद गंभीर है अपराध

    फॉर्म हाउस से जो वन्य प्राणी मिले हैं उनका शिकार संगीन जुर्म की श्रेणी में आता है. पैंगोलिन शेड्यूल 1 कैटेगरी का वन्य प्राणी है. इसका शिकार बाघ के शिकार के समान माना जाता है. इसके लिए 3 से 7 साल की सजा का प्रावधान है. इसी प्रकार हिरण की सींग भी भारी मात्रा में बरामद की गयी था. इसका शिकार करने पर 3 साल की कैद की सजा है. वन विभाग के अधिकारियों का मानना है कि मौके से बिजली के तार बरामद किए गए हैं. इससे लगता है कि करंट से भी वन्य प्राणियों का शिकार किया जाता होगा.