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नागपुर. नागपुर विश्वविद्यालय की प्रबंधन परिषद ने पिछले दिनों से स्थगित शुल्क वृद्धि के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इसके अनुसार पुरानी प्रस्तावित 20 फीसदी वृद्धि के साथ ही हर वर्ष 7 फीसदी सहित कुल 27 फीसदी फीस वृद्धि की जाएगी जो प्रवेश के साथ ही परीक्षा शुल्क में भी होगी. विवि के इस फैसले का कई छात्र संगठनों ने विरोध किया है. साथ ही विवि की घेरने की रणनीति भी बनाई जा रही है. 

विवि द्वारा कोरोना से पहले ही फीस वृद्धि का प्रस्ताव रखा गया था लेकिन उस वक्त छात्र संगठनों के विरोध के बाद निर्णय को स्थगित कर दिया था. इसके बाद पिछले दिनों फिर से विवि ने निर्णय लिया लेकिन फिर से विरोध होने लगा. इसके बाद विवि प्रशासन ने परिषद सदस्य अजय अग्रवाल की अध्यक्षता में समिति गठित की. समिति ने छात्र संगठन और संस्था प्रबंधन ने उनका अभिप्राय लिया. इसके बाद एक ड्राफ्ट तैयार कर उपकुलपति को सौंपा गया. हाल ही में प्रबंधन परिषद की बैठक में शुल्क वृद्धि के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. इसमें पुरानी 20 फीसदी वृद्धि के साथ ही हर वर्ष 7 फीसदी वृद्धि करने का निर्णय लिया. उल्लेखनीय है कि विवि द्वारा 2016 से फीस वृद्धि नहीं की गई थी.

हर वर्ष होगी 7 प्रश बढ़ोतरी

बताया जाता है कि शुल्क वृद्धि प्रवेश सहित परीक्षा शुल्क में होगी. दरअसल विवि पर प्राइवेट कॉलेजों का जबरदस्त दबाव है. कॉलेजों का मानना है कि फीस वृद्धि नहीं होने से कॉलेजों की व्यवस्था चलाने में दिक्कतें आ रही हैं. जिस अनुपात में महंगाई बढ़ी है उस तुलना में शुल्क वृद्धि नहीं की जा रही है, जबकि विवि के इस फैसले से छात्र संगठन फिर से आक्रामक हो गए हैं.

विविध संगठनों ने शुल्क वृद्धि रद्द करने की मांग को लेकर आंदोलन की तैयारी भी कर ली है. बताया गया कि सोमवार को इस संबंध में विविध संगठनों की ओर से उपकुलपति को ज्ञापन भी दिए जाएंगे. निर्णय के तहत इस सत्र से परीक्षा शुल्क वृद्धि की जाएगी, जबकि अगले सत्र से प्रवेश और परीक्षा शुल्क में 7 फीसदी की वृद्धि होगी. विवि के सूत्रों ने बताया कि भले ही प्रबंधन परिषद में उक्त निर्णय लिया गया हो लेकिन अंतिम रूप फीस रेगुलेटरी अथॉरिटी (एफआरए) द्वारा किया जाएगा.