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    नागपुर. स्मार्ट सिटी के तैयार किये जो नागपुर शहर में आज भी किसी भी ऑटो रिक्शा में मीटर रीडिंग के जरिये सवारियों से भाड़ा नहीं लिया जाता. यह बात और है कि शहर के हर ऑटो रिक्शा में वर्ष 2013 से ही मीटर लगाना अनिवार्य कर दिया गया है. दूसरी ओर प्रादेशिक परिवहन प्राधिकरण द्वारा नागपुर शहर के लिए ऑटो रिक्शा के टैरिफ में बढ़ोतरी करते हुए पहले किमी के लिए 14 से 18 रुपये का भाड़ा कर तय कर दिया. हालांकि ऑटो रिक्शा संगठन की बढ़ोतरी से नाखुश दिखाई दे रहे हैं.

    शो पीस बने मीटर

    ज्ञात हो कि आरटीओ विभाग के अनुसार शहर में 18,000 अधिकृत ऑटो रिक्शा है. हर ऑटो रिक्शा में मीटर लगे हुए हैं. हालांकि इनका उपयोग कभी नहीं किया जाता. ये केवल शोपीस बन चुके हैं. वर्ष 2013 में तत्कालीन आरटीओ अधिकारी सर्जेराव शेलके के सख्त निर्देश पर डिप्टी आरटीओ विजय चौहान और रविन्द्र भुयार ने पूरे शहर में कड़ी कार्रवाई की. हजारों ऑटो रिक्शा चालकों पर भारी भरकम चालान ठोके गये. उस दौरान आरटीओ के खिलाफ काफी विरोध प्रदर्शन भी किये गये लेकिन आरटीओ नहीं मना और हर ऑटो रिक्शा में मीटर फिट करवा दिये गये. कार्रवाई को नागरिकों के हित में बताया गया था ताकि उन्हे तय दर से अधिक भाड़ा न देना पड़े लेकिन 9 वर्ष बीतने के बाद भी आरटीओ मीटर प्रणाली लागू नहीं करवा पाया.

    14 से 18 रुपये किया मीटर भाड़ा

    ऑटो रिक्शा संगठनों की मांग पर प्रादेशिक परिवहन प्राधिकरण ने एक बार फिर प्रति किमी की दर से मीटर भाड़ा बढ़ा दिया है. प्राधिकरण ने नागपुर शहर के लिए अब पहले किमी का मीटर भाड़ा 14 रुपये से बढ़ाकर 18 रुपये कर दिया है. इसके बाद प्रति डेढ़ किमी के लिए यात्रियों को 27 रुपये देने होंगे. साथ ही आदेश जारी किया गया है कि 60 दिनों के भीतर शहर के सभी 18,000 ऑटो रिक्शा में लगे मीटर में नये भाड़े दर की फीडिंग करवानी अनिवार्य है. हालांकि नई दर से संगठन खुश नहीं है. 

    महंगाई में नाकाफी है दर वृद्धि : भालेकर

    विदर्भ ऑटो रिक्शा चालक फेडरेशन के अध्यक्ष विलास भालेकर ने प्राधिकरण द्वारा की गई मीटर दर वृद्धि का विरोध करते हुए कहा कि मंहगाई के इस दौरान में यह नाकाफी है. पहले ही दर वृद्धि में प्राधिकरण को 8 वर्ष का समय लग गया. तब से लेकर अब तक में पेट्रोल के दाम दोगुने हो चुके हैं. मंहगाई को देखते हुए हमने 22 रुपये प्रति किमी की दर तय करने की मांग थी. हम प्राधिकरण की नई दर स्वीकारने को मजबूर है लेकिन हमारी मांग जारी रहेगी. दूसरी तरफ 60 दिनों के भीतर 18,000 ऑटो रिक्शा में मीटर कैलिब्रेशन करना संभव नहीं है. इसकी मुख्य वजह सिटी में कैलिब्रेशन सेंटरों की कमी है जो ऑटो रिक्शा 60 दिनों के मीटर कैलिब्रेशन नहीं करवा सके, उन्हें आरटीओ की कार्रवाई झेलनी होगी. इसलिए कैलिब्रेशन की समय सीमा बढ़ानी चाहिए.