
नाशिक. गुजरात (Gujarat) के धरमपुर तालुका में गुही, मांडा और मारचंद के चार युवकों ने नकली नोट (Fake Notes) बनाए और उन्हें मुद्रा में बदलने की कोशिश की। चारों आरोपियों को बलसाड कोर्ट ने शनिवार 19 जून तक पुलिस हिरासत (Police Custody) में भेज दिया है। उन्हें वापी जेल में रखा गया है। सुरगणा में नकली नोट बनाने का धंधा पिछले 4 साल से चल रहा था।
इस मामले के एक संदिग्ध हरिदास चौधरी को भी सुरगणा पुलिस ने शराब तस्करी के एक मामले में गिरफ्तार किया था। उसके खिलाफ सपुतारा के सुरगणा थाने में कई मामले दर्ज हैं।
विज्ञान स्नातक के घर होती थी छपाई
गुजरात सीमा पर मांडा के हरिदास चौधरी, गुही के जयसिंह वाल्वी, तेम्भरुनपाड़ा के भगवंत दांबले और अनिल बचेल को बलसाड़ पुलिस ने शनिवार और रविवार को जाली नोटों के मामले में गिरफ्तार किया था। अनिल बचेल, मुख्य आरोपी, एक विज्ञान स्नातक हैं जिसने अपने घर में ही नोट छापने का काम शुरू किया था। उसका उंबरठाण (सुरगाणा) में सेतु कार्यालय है। उसके पास आधुनिक कंप्यूटर और प्रिंटर हैं, जिससे वह नोट छापा करता था। क्षेत्र में चर्चा है कि ऐसा पिछले चार साल से हो रहा है। कुछ नोट उंबरठाण सप्ताह बाजार और मटका अड्डों पर चलाए गए हैं। हरिदास चौधरी को सुरगाणा और धरमपुर पुलिस ने शराब तस्करी के मामले में पहले भी गिरफ्तार किया था। सुरगाणा पुलिस थाना में उस पर 4 मुकदमा दाखिल है। इसे बलसाड़ पुलिस के गिरफ्तार करने के बाद उसने कई जाली नोट जला दिए थे इस बात का भी खुलासा हुआ है।
बचे हुए 3 लाख रुपए की नोट जब्त
सुरगाणा के मांदा गांव में नोटों को हरिदास चौधरी के घर के पीछे दफनाया गया था। स्थानीय लोगों ने कहा कि यह मामला हरिदास चौधरी से की गई पूछताछ में सामने आया, जिसे रविवार को गिरफ्तार किया गया था। समझा जाता है कि नोटों की संख्या तीन लाख रुपए है।