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    नासिक : राज्य में जहां 13500 पशुओं (Animals) की मौत (Death) हो चुकी है, वहीं नासिक जिले (Nashik District) में अब तक 58 पशुओं की मौत हो चुकी है। इनमें से 50 पशुपालकों (Animal Keepers) को मुआवजा (Compensation) मिल चुका है। जिले में 99.99 प्रतिशत पशुओं का टीकाकरण पूरा हो चुका है, यह जानकारी जिला पशुपालन अधिकारी डॉ. विष्णु गरजे ने जिला परिषद में नासिक जिले के पालक मंत्री दादा भूसे की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक के दौरान दी। 

    जिले के 13 तहसीलों के 77 गांवों में 1 हजार 188 जानवर लम्पी बीमारी से संक्रमित हो चुके हैं, इनमें से 914 संक्रमित पशु ठीक हो चुके हैं। वर्तमान में 215 पशु बीमार हैं और उनमें से 20 की हालत बहुत गंभीर है। 45 पशु गंभीर और 135 हल्के रोगों से प्रभावित हैं, इनमें से अब तक 58 पशुओं की मौत हो चुकी है। 

    बागलाण तहसील में सबसे ज्यादा पशु हैं। उसके बाद सिन्नर और मालेगांव तहसील के पशुओं की संख्या आती है। सिन्नर, इगतपुरी, चांदवड, मालेगांव और बागलाण तहसील में इस बीमारी से प्रभावित मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा है। जिले में कुल 8 लाख 95 हजार 50 पशुधन हैं, जिनमें से लगभग 8 लाख 94 हजार 959 पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है। सरकार की ओर से 5 किमी के दायरे में प्रभावित पशुओं का टीकाकरण करने का आदेश दिया गया था। 

    डॉ. विष्णु गरजे ने कहा कि 20 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है

    लेकिन इस बीमारी के संभावित खतरे को देखते हुए तत्काल टीकाकरण के आदेशानुसार जिले में पशुओं के टीकाकरण का अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है। चर्म रोग के प्रकोप से मरने वाले पशुपालन को राज्य सरकार के कोष से शत-प्रतिशत वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। 30 पशुपालकों को यह वित्तीय सहायता प्राप्त हुई है और उनके खातों में सब्सिडी जमा कर दी गई है। डॉ. विष्णु गरजे ने कहा कि 20 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है और जल्दी ही उन्हें अनुदान के रूप में दिया जाएगा। 

    तहसील स्तर पर पशुओं की संख्या

    चांदवड (3), मालेगांव (11), सिन्नर (15), इगतपुरी (5), बागलाण (12), देवला (0), येवला (2), निफाड़ (5), नाशिक (0), पेठ (1), दिंडोरी (1), नांदगांव (2) कलवण (1)।