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नाशिक: प्रदेश में इस समय प्याज उत्पादक किसान संकट में हैं, क्योंकि प्याज की कीमत में भारी गिरावट आई है। कीमतों में आई गिरावट को लेकर नाशिक जिले के किसान आक्रामक हो गए हैं। किसानों ने मुंबई-आगरा हाईवे पर प्याज फेंक कर अपना गुस्सा जाहिर किया। मालेगांव के मुंगसे बाजार कमेटी के सामने का वीडियो वायरल हो गया है। किसान प्याज फेंक कर विरोध कर रहे हैं। महंगे दामों पर प्याज बिकने से किसान आर्थिक संकट में हैं। नाशिक के मालेगांव तहसील में मुंगसे उप बाजार समिति के ठीक सामने मुंबई-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग पर निराश युवा किसानों ने प्याज फेंक कर अपना गुस्सा जाहिर किया। सोशल मीडिया पर ये वीडियो खूब वायरल हो रहा है। प्याज से भरे वाहन सड़क पर खड़े कर प्याज सड़क पर फेंके जाने से कुछ देर के लिए यातायात ठप हो गया।

राष्ट्रीय उत्पाद में लगभग 43% हिस्सेदारी के साथ महाराष्ट्र सबसे आगे 

पिछले कुछ दिनों से किसान इस बात से परेशान हैं कि उन्हें उनकी प्याज के दाम नहीं मिल रहे हैं। भारी वर्षा और ओलावृष्टि से बाहर निकलने के लिए संघर्ष कर रहा किसान प्याज के दाम नहीं मिलने से फिर मायूस हो गया है। प्याज उत्पादन में राष्ट्रीय उत्पाद में लगभग 43% हिस्सेदारी के साथ महाराष्ट्र सबसे आगे है, जबकि मध्य प्रदेश की हिस्सेदारी 16% है। कर्नाटक और गुजरात की हिस्सेदारी करीब 9% है। प्याज की फसल वर्ष में तीन बार यानी खरीफ सीजन, खरीफ सीजन और रबी सीजन में उगाई जाती है।

प्याज के दाम में भारी गिरावट 

कुछ दिनों पहले महाराष्ट्र के कई जिलों में बेमौसम बारिश हुई थी, उससे सबसे ज्यादा मार नाशिक जिले के किसानों पर पड़ी। नाशिक जिले में प्याज की फसल को भारी नुकसान हुआ है। वर्षा, ओलावृष्टि और तेज हवाओं से प्याज समेत अन्य फसलें बुरी तरह प्रभावित हुई है। बागों को भी भारी नुकसान पहुंचा है। किसान इस झटके से जहां उबर रहे हैं, वहीं अब प्याज के दाम में भारी गिरावट आई है, इससे प्याज उत्पादक किसान संकट में हैं।