नासिक में बारिश
नासिक में बारिश

Loading

नासिक: मानसून का सत्र जब से शुरू हुआ है, तभी से बरखारानी रूठ गई थी। शुक्रवार अलसुबह से बरखारानी (Rain) का जोरदार आगमन हुआ। इसके चलते सभी के चेरहे खिल गए है। क्योंकि पीने के पानी की व्यवस्था और फसलों को जीवनदान मिला है। परंतु इस झमाझम बारिश से नासिक (Nashik) शहर के साथ जिले की सड़के एक बार फिर गड्ढों (Potholes) में तद्बिल हो गई है। 9 और 10 सितंबर को झमाझम बारिश होने की संभावना मौसम विभाग ने व्यक्त की है। शुक्रवार को हुई झमाझम बारिश से शहर के साथ जिले के नाले और नदी में पानी स्तर बढ़ गया है। 
 
त्र्यंबकेश्वर और इगतपुरी परिसर में झरनों से पानी बह रहा है। इसके चलते कुछ नागरिक घुमने का नियोजन कर रहे है। मुसलाधार बारिश से शहर के साथ जिले में जगह-जगह पर पानी जमा हुआ। कुछ दिन पहले मनपा ने सड़कों पर होने वाले गड्ढों की मरम्मत का दावा किया, जो खोखला साबीत हुआ। क्योंकि इस बारिश से दोबारा सडके गड्ढों में तद्बिल हो गई है।
 
 
दरमियान नांदूरमधमेश्वर बांध से 300 क्यूसेस विसर्ग शुरू किया है। दोपहर 3 बजे पानी का विसर्ग 1314 क्यूसेसने से बढ़ाया गया। कुल 1614 क्यूसेस पानी का विसर्ग शुरू है। कडवा बांध से दोपहर 2 बजे 848 क्युसेक्स पानी का विसर्ज कडवा नदीपात्र में किया गया। गंगापुर बांध से दोपहर 1 बजे 1040 क्यूसेक्स पानी का विसर्ग किया गया। इसके चलते गोदावरी नदी पात्र का पानी का स्तर बढ़ गया। नदीतट के नागरिकों को सतर्क रहने की चेतावनी दी गई है।  कुल मिलाकर जिले के सभी तहसीलों में कम अधिक मात्रा में बारिश हो रही है, जो अपने आप में एक बड़ी बात है।
 
 

देवनदी को आई बाढ़, 90 प्रतिशत भरा वाघाड बांध
वणी: वणी परिसर सहित सप्तशृंग गढ परिसर में मुसलाधार बारिश होने से वणी के देवनदी का बाढ़ आई। ओझरखेड बांध का जल स्तर भी बढ़ गया है। वणी सहित परिसर की फसलों को जीवनदान मिला।  वाघाड बांध 90 प्रतिशत भर गया है। ऐसी ही बारिश शुरू रही तो रात में वाघाड बांध से कोलवण नदीपात्र में पानी का विसर्ग शुरू किया जाएगा।

जोरदार बारिश से तालाब बनी त्र्यंबकेश्वर की सड़कें
त्र्यंबकेश्वर: मुसलधार बारिश की राह देखने वाले नागरिकों की अच्छा बरखारानी ने पूरी की। पहाड़ पर होने वाले झरने पानी से बहने लगे। साथ ही तालाब से पानी बहने लगा। इसके चलते त्र्यंबकेश्वर की सड़कें तालाब में तद्बिल हो गई। अहिल्या गोदावरी संगम घाट से तेज रफ्तार पानी बह रहा था। इस बारिश से फसलों का जीवनदान मिला।

पिंपलगाव बसवंत के अंगूर उत्पादकों को मिली राहत
पिंपलगाव बसवंत: पिंपलगाव बसवंत परिसर में जोरदार बारिश हुई। इसके चलते अंगूर उत्पादक किसानों के साथ अन्य किसानों का राहत मिली। क्योंकि बारिश न होने से सभी परेशान है। साथ ही सूखे की छाया भी मंडरा रही थी। ऐसी ही बारिश और कुछ दिन होने पर सभी की चिंता खत्म होगी।

झमाझम बारिश से कलवण की नदियों को बाढ़

कई गांवों का टूटा संपर्क
कलवण: पिछले दो दिनों से कलवण तहसील में बारिश शुरू है। इसके चलते तहसील की गिरणा, पुनद, बेहडी नदी के साथ नालों को बाढ़ आ गई है। इसके चले कई गांवों का संपर्क टूट गया है। कलवण-नाशिक मार्ग के आठंबे स्थित पुल से पानी बहर रहा है। इसके चलते यातायात अभोणा मार्ग से मोड़ दी गई है। खेडगाव-ककाने पुल तक पानी पहुंचने से ककाने, विसापूर, बिजोरे सहित कई गांवों का संपर्क टूट गया है।  चणकापूर बांध से 33 हजार 45 क्युसेक और अर्जुनसागर (पुनद) बांध से 16 हजार 386 क्युसेक पानी का विसर्ग किया जा रह है।

दो दिनों से इगतपुरी में बाह रही है बारिश, एक दिन में 92 मिमी बारिश
इगतपुरी: इगतपुरी तहसील में पिछले दो दिनों से बारिश शुरू है। एक दिन में 92 मिमी बारिश हुई. इसके चलते चावल फसल को जीवनदान मिला है। इगतपुरी तहसील के बांधों पर निर्भर होने वाले औरंगाबाद और अहमदनगर जिले की पीने के पानी की समस्या हल हो गई है।

चांदवड में दो दिनों में हुई 37.5 मिमी बारिश
चांदवडतहसील में बारिश हो रही है। दो दिन में 37.5 मिली बारिश होने से फसलों को जीवनदान मिला है। साथ ही इस मानसून सत्र में पहली बार नदी, नाले, गटार पानी से बह रही है। केद्राई, जांबूटके बांध सही अन्य छोटे-बड़े बांध सूखे है, जो जोरदार बारिश की प्रतिक्षा कर रहे है। इस बारिश से कुछ हद तक नागरिकों को राहत मिली है। मंडल निहाय बारिश की जानकारी चांदवड 49.5 मिमी. (55.5), रायपुर 36.8 मिमी. (41.8), दिधवद 40.0 मिमी. (60.1), दुगाव 38.3 मिमी (45.9), वडनेर भैरव 21.5 मिमी (43.1), वडालीभोई 38.8 मिमी (74.8) ऐसे कुल 224.9 मिमी (321.2) बारिश हुई. चांदवड तहसील में दो दिन में 37.5 मिमी बारिश हुई।