जिला परिषद की ओर से खेल स्पर्धाओं के लिए 18 लाख रुपए की निधि

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    नासिक : जिला परिषद प्रशासन (District Council Administration) ने वर्ष 2023 के बजट में आरंभ में ही खेल प्रतियोगिता के लिए 10 लाख रुपए का आवंटन किया था, इसमें कमी रहने पर जिला परिषद ने उपकर कोष से 18 लाख रुपए के एक और प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। जनवरी में सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों-अधिकारियों के लिए खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं। इन प्रतियोगिताओं के लिए सदस्यता एकत्र की जाती हैं या प्रायोजकों को ढूंढकर धनराशि (Funds) खर्च की जाती है। सरकार इन प्रतियोगिताओं के लिए धन उपलब्ध नहीं कराती है। सभी जिला परिषदों में प्रशासन कर्मचारी कल्याण कोष के नाम से खेल प्रतियोगिताओं का प्रावधान कर महासभा की स्वीकृति लेता है। 

    नासिक जिला परिषद ने पिछले सात वर्षों से कर्मचारियों की खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन नहीं किया है। पिछले महीने प्रशासनिक सेवा में इस वर्ष 3 से 5 फरवरी तक कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए खेलकूद प्रतियोगिता कराने के लिए दस लाख रुपये का प्रस्ताव तैयार किया गया था। प्रशासक आशिमा मित्तल ने इसे मंजूरी दी, इससे प्रतियोगिता के इच्छुक अभ्यर्थी कार्यालय समय में मैदान में अभ्यास के लिए जाने लगे। 

    अधिकारी भी कर्मचारियों को खेलने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं, चूंकि प्रतियोगिता सात वर्ष के अंतराल पर हो रही है, इसलिए जिला परिषद में काम कम और प्रतियोगिता की तैयारी ज्यादा है, टूर्नामेंट में खिलाड़ियों पर खेल सामग्री, भोजन, ट्रॉफी, प्रकाश व्यवस्था, संगीत और मैदान का किराया आदि खर्च किया जाएगा। खेल प्रतियोगिता के समग्र उत्साह को देखकर उसके लिए लगने वाले खर्च की भी व्यवस्था जिला परिषद की ओर से की गई। 

    जिला परिषद की उपकर निधि से 18 लाख रुपए खेल प्रतियोगिता पर खर्च करने का निर्णय लिया गया है। जिला परिषद के 3200 स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए हर वर्ष राष्ट्रपति ट्रॉफी प्रतियोगिता आयोजित की जाती है। इस टूर्नामेंट में हजारों छात्र खेलते हैं, फिर भी इस टूर्नामेंट के लिए सेस फंड से केवल 10 लाख रुपए ही आवंटित किए जाते हैं। इस प्रेसिडेंट्स कप स्पोर्ट्स टूर्नामेंट के जरिए खिलाड़ी तैयार करने की मंशा के बावजूद सिर्फ 10 लाख रुपए आवंटित करने वाला प्रशासन 18 लाख रुपए खुद पर खर्च करने जा रहा है। सरकारी सेवा प्राप्त करने के दौरान ग्रामीण लोगों से एक उपकर वसूल किया जाता है और उसे जिला परिषद में जमा किया जाता है। 

    उपकर की यह राशि प्रशासनिक अधिकारियों के लिए 35 टैब की खरीद, निर्माण विभाग के अभियंताओं के लिए माप उपकरण की खरीद, मुख्य कार्यपालन अधिकारी के आवास की मरम्मत, पुराने प्रशासनिक भवन की मरम्मत आदि पर खर्च की जा रही है। पिछले महीने पालक मंत्री कार्यालय से जिला परिषद को पत्र मिला था, इसने उपकर निधि से सड़क मरम्मत के प्रावधान का सुझाव दिया। वित्त विभाग ने इस तरह के प्रावधान पर आपत्ति जताते हुए कहा कि उपकर नियोजन महासभा का अधिकार है, लेकिन अब कर्मचारी खेलकूद प्रतियोगिता के लिए अनुमति दे दी गई है।