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    त्र्यंबकेश्वर : राजधानी दिल्ली में पिछले दिनों एक आध्यात्मिक सम्मेलन का आयोजन किया गया था। सम्मेलन में भाग लेने वाले त्र्यंबकेश्वर देवस्थान (Trimbakeshwar Devasthan) के ट्रस्टियों ने केंद्रीय मंत्री (Union Minister) के माध्यम से पत्र लिखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को त्र्यंबकेश्वर आने का निमंत्रण (Invitation) दिया गया है। पत्र में प्रधानमंत्री से अनुरोध किया गया है, वे आगामी सिंहस्थ कुंभ मेले का हिस्सा बनें। पत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुजारिश की गई कि वे 2027 में होने वाले सिंहस्थ कुंभ मेले से पहले त्र्यंबकेश्वर आए तो प्रधानमंत्री को सिंहस्थ की तैयारियों की उचित योजना के लिए मार्गदर्शन मिलेगा। पत्र में आशा व्यक्त की गई है कि तीर्थ त्र्यंबकेश्वर के विकास के लिए और अधिक प्रयास किए जाएंगे। 

    श्री क्षेत्र त्र्यंबकेश्वर मंदिर के ट्रस्टी भूषण अडसरे,  संतोष कदम और बीजेपी नगरसेवक शामराव गंगापुत्र ने आजादी के अमृत महोत्सव के तहत नई दिल्ली में केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित आध्यात्मिक सम्मेलन में भाग लिया था, उस दौरान केंद्रीय मंत्रियों के माध्यम से प्रधानमंत्री को पत्र भेजकर उनसे अनुरोध किया गया था कि वे 2027 में होने वाले सिंहस्थ कुंभ मेले से पहले एक बार त्र्यंबकेश्वर का दौरा करें। संस्कृति मंत्रालय ने देश भर के आध्यात्मिक धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित करते हुए एक सम्मेलन आयोजित किया, इसमें देश के 22 धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था।  आध्यात्मिक सम्मेलन की अध्यक्षता सांस्कृतिक पर्यटन विकास मंत्री जी. किशन रेड्डी ने की थी। 

    इस सम्मेलन में संसदीय कार्य और संस्कृति मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और विदेश और संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने भी भाग लिया था। इस मौके पर देश भर से आए धार्मिक, आध्यात्मिक संस्थानों, मंदिरों, मठों, आश्रमों के प्रतिनिधियों ने अपने विचार व्यक्त किए। भक्तों, पर्यटकों और साधकों के लिए क्या किया जा सकता है? इस पर चर्चा हुई। 

    मंत्री मेघवाल पहले ही त्र्यंबकेश्वर का दौरा कर चुके हैं। ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दोनों भाई पहले ही त्र्यंबकेश्वर का दौरा कर चुके हैं, इसलिए बहुत संभव है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी त्र्यंबकेश्वर दौरे पर आएं, लेकिन दूसरी ओर यह भी कहा जा रहा है कि त्र्यंबकेश्वर में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के दौरे के लिए आवश्यक ब्लू बुक सुविधा त्र्यंबकेश्वर में उपलब्ध न होने के कारण सरकार प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति का सरकारी दौरा होना आसान नहीं है।