Illegal wine maker relocated for 1 year

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    नाशिक: साल के आखिरी दिन जश्न मनाने की तैयारी कर रहे लोगों को झटका लग सकता है। पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी कोरोना (Corona) के बढ़ते मामलों को देखते हुए 31 दिसंबर की रात जश्न मनाने का परमिशन (Permission) नहीं दिया जा सकता है। ऐसे में शहर के तमाम होटलों (Hotels) और बारों (Bars) में सजने वाली महफिल से इस बार भी शौकीन लोग महरूम रह सकते हैं। जिले में बढ़ते कोरोना मरीजों (Corona Patients) की संख्या और नए वेरिएंट ओमीक्रोन (New Variants Omicron) को देखते हुए 31 दिसंबर की रात किसी भी तरह का जश्न मनाने पर रोक लगाने का खाका तैयार हो रहा है।

    फिलहाल इस निर्णय पर अंतिम फैसला नहीं लिया गया है, लेकिन जिस तरह से सरकार और स्वास्थ्य विभाग चिंतित नजर आ रहा है, उससे होटल व्यवसायी चिंता में पड़ गए हैं। फिलहाल शहर 31 दिसंबर की नाइट और नए वर्ष के स्वागत के लिए तैयार हो गया है। लेकिन याद रहे, पिछले वर्ष  कोरोना की वजह से नए वर्ष के सेलिब्रेशन पर रोक लगा दी गई थी। इसके कारण न चाहते हुए भी लोगों को घर पर ही सेलिब्रेशन करना पड़ा था। इस साल कोरोना मरीजों की संख्या कम होने की वजह से लोगों को उम्मीद थी कि उन्हें जश्न मनाने का मौका मिलेगा। 

    ओमीक्रोन ने उम्मीदों पर पानी फेरा

     इसी बीच, कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन के आने से लोगों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। दुनिया भर में ओमिक्रॉन को लेकर प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं। ऐसे में देश में क्या होगा, इसे लेकर चिंता बढ़ गई है। वैसे प्रशासन ने इसे लेकर अब तक कोई नियमावली जारी नहीं की है।

    प्रशासन ने साधी चुप्पी

    थर्टी फर्स्ट के लिए पिछले वर्ष 10 बजे तक का समय दिया गया था, लेकिन इस बार अभी तक इसे लेकर नियमावली जारी नहीं हुई है। व्यवसायी इसी का इंतजार कर रहे हैं। आने वाले दो-तीन दिनों में नियमावली जारी होने की संभावना है। इस बार भी रात 10 बजे तक की ही छूट मिल सकती है।  

    करोड़ों के कारोबार पर लटकी तलवार

    थर्टी फर्स्ट की नाइट और नए साल के जश्न में करोड़ों रुपए का कारोबार होटल व्यवसायी करते हैं। इसके लिए पहले से होटल और नामी रेस्टोरेंट बुक कराए जाते हैं। ऐसे में एक दिन में करोड़ों का कारोबार होता है, लेकिन अगर प्रशासन ने सेलिब्रेशन पर प्रतिबंध लगा दिया तो करोड़ों रुपए के कारोबार पर सीधा असर पड़ेगा और होटल व्यवसायियों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।

    युवा वर्ग में छाई निराशा

    ओमीक्रोन और कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए युवा वर्ग सेलिब्रेशन पर लगने वाले प्रतिबंध को देखते हुए निराश है। मौजूदा स्थिति को देखते हुए यह साफ है कि प्रशासन की तरफ से सेलिब्रेशन करने का मौका नहीं दिया जाएगा। इसकी बस औपचारिक घोषणा होनी बाकी है। जाम से जाम टकराने और धुन पर थिरकने को लालायित वर्ग का स्वाद इस बार भी बिगड़ सकता है।

    असमंजस में पुलिस विभाग

    प्रशासन की तरफ से नियमावली जारी नहीं किए जाने की वजह से पुलिस प्रशासन भी भ्रम की स्थिति में है। उन्हें नहीं मालूम है कि किस तरह की तैनाती करनी है। कहां कितने पुलिस के जवान तैनात करने हैं। यदि बार खुले रहते हैं और लोग जाते हैं तो क्या कार्रवाई करनी है। पुलिस को भी नियमावली का इंतजार है।