Farmer Protest

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    शिरपुर : यहां के किसानों (Farmers) ने मुआवजा और सिंचाई (Irrigation) के लिए पानी जल्दी से जल्दी दिलाने की मांग को लेकर 28 मार्च को शिरपुर स्थित सिंचाई विभाग (Irrigation Department) के उप अभियंता के कार्यालय में मोर्चा निकालने की चेतावनी दी है। सिंचाई विभाग के अधिकारियों की अड़ियल नीति के कारण किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

    आनेर परियोजना/ बांध में भले ही अरबों लीटर पानी उपलब्ध हो, लेकिन किसानों को खेती के लिए पानी नहीं दिया जा रहा है। हिसाले इकाई में पानी की टंकी भरने के लिए किसान लगातार चक्कर लगा रहे हैं। बताया जा रहा है कि किसानों को अभी तक पानी एक नहीं मिला है। बताया जा रहा है कि अधिकारियों के बीच समन्वय नहीं है, इस वजह से किसानों को पानी से वंचित रहना पड़ रहा है। खरीफ और रबी दोनों ही सीजन में  किसानों को पर्याप्त पानी नहीं मिलता है, इस वजह से उत्पादन पर असर पड़ रहा है।   

    2 मार्च 2022 को बाबा पाटिल सहित नं. 10 चरी के प्रभावित किसानों की ओर से खेती के मुआवजे के लिए संबंधित अधिकारियों को आवेदन भी दिया था, लेकिन अभी तक किसानों को मुआवजा नहीं मिला है। अनेर डैम के उप अभियंता एच. जी का कहना है कि जो भी आवेदन आए थे, वे गायब हो गए हैं। पूर्व में चारी नंबर 10 से किसानों की ओर से कृषि के लिए पानी छोड़ने की मांग की गई थी, उस वक्त कुछ किसानों ने आत्मदाह करने का प्रयास भी किया था बावजूद इसके संबंधित विभाग के अधिकारियों की ओर किसानों को मुआवजा और पानी देने की मांग की ओर से ध्यान नहीं दिया गया। किसानों की ओर से उस वक्त यह भी चेतावनी दी गई थी कि आंदोलन के दौरान अगर किसी की मृत्यु हुई तो उसके लिए सिंचाई विभाग के अधिकारी, कार्यपालक अभियंता, उप अभियंता, शाखा अभियंता को जिम्मेदार ठहराया जाएगा।

    कार्यालय के समक्ष किसानों की ओर से मोर्चा निकाला जाएगा

    किसानों को जमीन नंबर 10 का मुआवजा और सिंचाई के लिए पानी देने की व्यवस्था शीघ्र नहीं की गई तो 28 मार्च को  उप अभियंता, सिंचाई विभाग, शिरपुर के कार्यालय के समक्ष किसानों की ओर से मोर्चा निकाला जाएगा।  भारतीय जनता पार्टी के जिला उपाध्यक्ष के. डी. पाटिल, एड. बाबा पाटिल,  शिरपुर कृषि उपज मंडी समिति के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह सिसोदिया, निदेशक अविनाश पाटिल, धनराज मराठे (थालनेर),  भारत मराठे (थालनेर) , सरजेराव पाटिल (थालनेर) , योगेश बोरसे उप पंच (पिलोदा), भूतेश्वर पाटिल (मांजरोद), वासुदेव पटले (मांजरोद)  अशोक रामकृष्ण पाटिल नाथ पंढरीनाथ,  पाथु  दरबार सिंह बंजारा अजनाद, जनार्दन पाटिल भटपुरा, भात सिंह राजपूत होळनांथे,  अरमान मौले भावेर,  दरियाव सिंह जाधव बाभलाज और तालुका के कई किसानों ने प्रासंगिक बयान और चेतावनी दी है।

    सिंचाई विभाग की ओर से कोई हलचल न होने से किसानों को पानी नहीं मिल रहा है। पानी के अभाव में उत्पादन पर भी असर पड़ रहा है, इसकी वजह से  किसानों को आर्थिक स्थिति पर भी असर पड़ रहा है। किसान मुआवजे के लिए सिंचाई विभाग अधिकारियों से गुहार लगा रहे हैं, लेकिन किसानों की मांग की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।