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    नासिक: छठ पूजा (Chhath Puja) के बाद गंगाघाट परिसर में व्यापक रूप में कूड़ा (Garbage) फैलने से बड़े पैमाने पर दुर्गंध फैली। इससे पर्यटकों को नाक दबाकर गोदावरी नदी (Godavari River) के तट पर चलना पड़ा।  इसे ध्यान में रखते हुए नासिक महानगरपालिका (Nashik Municipal Corporation) के कर्मियों ने कूड़े का संकलन करना शुरू किया।  होलकर पुल से गौरी पटांगण के बीच से 6 टन 105 किलो कूड़ा संकलित किया गया। छठ पूजा के बाद पूजा साहित्य और निर्माल्य डालने के लिए निर्माल्य कलश का उपयोग करने, नदी परिसर में प्रतिबंधित प्लॉस्टिक थैलियों का उपयोग टालने, नदी में निर्माल्य, फूल, हार, कपड़े नहीं फेंकने का निर्देश महानगरपलिका ने दिया था, लेकिन उसे छठ व्रतियों ने नजरअंदाज किया।  

    इसके फल-स्वरूप गोदावरी तट, होलकर पुल, रामकुंड, गांधी तालाब, नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर, पुरानी सब्जी मंडी, म्हसोबा पटांगण, गौरी पटांगण, कपूरथला, रोकडोबा मैदान, कपिला संगम, नांदूर घाट परिसर कूड़े से भर गया। गोदाघाट से 55 कर्मियों ने कूड़ा जमा किया। साथ ही कपिला संगम और नांदूर घाट को 58 कर्मियों ने स्वच्छ किया। यह कूड़ा घंटागाड़ियों से पाथर्डी के खाद प्रकल्प तक पहुंचाया गया।

    सामाजिक संस्थाओं ने भी किया सहयोग

    विभागीय अधिकारी कैलास राभडिया, कूड़ा व्यवस्थापन के विभागीय स्वच्छता निरीक्षक संजय दराडे के मार्गदर्शन में यह सफाई अभियान चलाया गया। श्री संत गाडगे महाराज कनौजिया धोबी समाज संस्था के संस्थापक सुरेश कनौजिया, व्यवस्थापक राजू कनौजिया और उनके 12 सहयोगियों ने इस अभियान में अपनी हिस्सेदारी निभाई।  दीपक चव्हाण, नंदू गवली, अनिल नेटावटे, बालू जगताप, बी. के. पवार, चंद्रशेखर साबले, विलास नाईकवाड़े, कृष्णा शिंदे, संजय जाधव आदि ने सफाई अभियान में अपना योगदान दिया।