अंधेरे में पहुंचा नाशिक बीजेपी का महत्वाकांक्षी आईटी पार्क

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    नाशिक : शहर के आडगांव (Adgaon) शिवार के 335 एकड़ जमीन (335 Acres of Land) पर आयटी पार्क (IT Park) बनाने के लिए तैयार किए गए प्रकल्प रिपोर्ट को लेकर कानूनी अभिप्राय लेने की फाइल पिछले एक महीने से वकील पैनल (Lawyers Panel) के पास धूल फांक रही है। साथ ही महानगरपालिका (Municipal Corporation) की आर्थिक स्थिति को देखे तो व्यवहार्यता और निधि की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए काम-काज करने की सूचना पालकमंत्री छगन भुजबल (Guardian Minister Chhagan Bhujbal) ने दी। इसके चलते आयटी पार्क का भविष्य खतरे में पहुंच गया है। आगामी महानगरपालिका चुनाव की पार्श्वभूमी पर राष्ट्रवादी कांग्रेस (Nationalist Congress) ने बीजेपी ( BJP) को झोर का झटका देने की चर्चा अब शुरू हो गई है। 

    20 करोड़ रुपए का प्रावधान बजट में किया

    गौरतलब है कि पूर्व महापौर सतीश कुलकर्णी (Former Mayor Satish Kulkarni) ने महापौर पद का कार्यकाल खत्म होने से पहले नाशिक महानगरपालिका की ओर से आडगांव शिवार (Adgaon Shivar) में आयटी पार्क बनाने के लिए महत्वाकांक्षी योजना रखी। साथ ही नाशिक शहर, मुंबई, पुणे सहित अन्य महानगरों के आयटी कंपनियों को एक ही जगह पर लाने का प्रयास किया। पूर्व महापौर कुलकर्णी ने आयटी पार्क के लिए मूलभूत सुविधा देने के लिए 20 करोड़ रुपए का प्रावधान बजट में किया। साथ ही विभिन्न कंपनियों को नाशिक में आमंत्रित कर मंत्री नारायण राणे (Minister Narayan Rane) की प्रमुख उपस्थिती में आयटी परिषद आयोजित की, जिसमें 100 से अधिक बड़े कंपनी के प्रतिनिधि मौजूद रहे। प्रकल्प के लिए जगह मिलने के लिए प्रस्ताव मंगाए गए। इसके लिए शहर के कुछ विकासकों ने अनुमति देने से आयटी पार्क के लिए 335 एकड़ जगह कंपनी के लिए उपलब्ध होने की बात की। आयटी प्रकल्प का मॉडल तैयार करने के लिए विशेषज्ञ सलाहकार नियुक्ति के लिए टेंडर प्रक्रिया कार्यान्वित की गई।  ठाणे के शहा नामक व्यक्ति ने एक रुपया लेकर विस्तृत प्रकल्प रिपोर्ट तैयार करने की बात की। परंतु कितने सस्ते में ठेकेदार प्रकल्प तैयार करने से इस बारे में कानूनी अभिप्राय मंगवाने का निर्णय महानगरपालिका प्रशासन ने लिया। साथ ही प्रकल्प के लिए आवश्यक जगह, जगह का उपयोग, शामिल होने वाली कंपनी और जगह मालिकों का किराया, अनुबंध, शर्तों का उल्लंघन होने पर क्या कार्रवाई होगी। ऐसे कई मुद्दों की जांच करने के लिए कानूनी अभिप्राय मंगवाने के लिए महानगरपालिका ने अपने वकील पैनल को फाइल भेजी है, लेकिन अभी तक अभिप्राया न मिलने से यह फाइल धूल फांक रही है। ऐसे में जिले के पालकमंत्री छगन भुजबल ने विकास कार्य और प्रकल्प की व्यवहार्यता जांच कर काम-काज करने की सूचना देने से आयटी पार्क प्रकल्प का भविष्य खतरे में आ गया है। 

    जमीन के दाम होंगे कम

    आयटी पार्क होने की चर्चा शुरू होते ही आडगांव सहित परिसर के जमीन के दाम आसमान छूने लगे। 25 से 30 लाख रुपए एकड़ दाम होने वाले बंजर जमीन (Barren Land) के दाम कुछ ही दिनों में 50 से 60 लाख रुपए एकड़ हो गए। परंतु अब आयटी पार्क पर सवालिया निशान लगने से जमीन के दाम कम होने वाले है।