प्रतीकात्मक तस्वीर
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भुसावल. अनलॉक प्रक्रिया में एक्सप्रेस ट्रेनों (Express Trains) की संख्या बढ़ती जा रही है. इस दौरान आम आदमी की पैसेंजर ट्रेनें (Passenger Trains ) अब भी बंद हैं. जिसके चलते आम आदमी को अधिक किराया (Fare) खर्च कर बसों, ट्रकों से यात्रा करने पर विवश होना पड़ रहा है. जिसके चलते कोरोनाकाल में लोगों को अपनी जेब हल्की करनी पड़ रही है.

भुसावल (Bhusawal) और जलगांव (Jalgaon) के साथ-साथ पाचोरा (Pachora) , रावेर (Raver), चालीसगांव (Chalisgaon), धुलिया (Dhulia), सूरत (Surat)और अमलनेर के लिए पैसेंजर ट्रेनों की अनुपलब्धता के कारण यात्रियों को बड़ी असुविधा हो रही है. इसको देखते हुए पैसेंजर ट्रेनों को चलाने की मांग बढ़ती जा रही है. 

मार्च से बंद है पैसेंजर ट्रेनों की सेवाएं

मार्च से लॉकडाउन ने यात्रियों के लिए पैसेंजर ट्रेनों की सेवाओं को बंद कर दिया गया था, लेकिन अब धीरे-धीरे अब फ़ास्ट और सुपरफास्ट ट्रेनों की संख्या बढ़ रही है. हालांकि, आस-पास के स्टेशनों पर यात्री और पैसेंजर ट्रेनों के बंद होने के कारण बसों और अन्य वाहनों से अतिरिक्त किराया वसूला जा रहा है. इससे नौकरी करने वाले लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जलगांव जिले से रोज यात्रा करने वालों की संख्या कहीं लाखों की तादात में हैं. जो रोज़ जलगांव, पाचोरा, चालीसगांव, अमलनेर धरणगांव, बुरहानपुर, इटारसी, वरणगांव, मलकापुर, नादुरा, शेगांव और अन्य छोटे स्टेशनों पर नौकरी करते है. अपने काम की जगह या शहर तक पहुंचने के लिए व्यक्ति को एक निजी बस या कोई और साधन के ज़रिए जाना पड़ता है. किराया और समय बहुत अधिक लगता है, नतीजतन कुछ लोगों घर बैठे हैं या तो काम छोड़ दिया है. इसीलिए प्रशासन से मांग है कि जल्द से जल्द पैसेंजर ट्रेन शुरू करें.