Simhasth kumbh 2026-27

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Simhasth Kumbh 2026-27: सिंहस्थ कुंभ मेला 2026 और 27 में नासिक में आयोजित किया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार ने एक शीर्ष समिति और प्रशासनिक उच्च प्राधिकारी समिति के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर एक जिला स्तरीय समिति का गठन किया है। लेकिन सिंहस्थ कुंभ मेले में बचे समय और कार्यों के दायरे को देखते हुए संभावना है कि समिति की बैठक नहीं होने से सिंहस्थ कार्यों में देरी होगी। इस बीच लोकसभा और विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लग जाएगी, इसलिए संभव है कि सिंहस्थ का काम अगले साल ही शुरू होगा। ऐसे में सवाल खड़ा हो गया है कि क्या भूमि अधिग्रहण समेत महत्वपूर्ण कार्य एक साल के भीतर पूरे हो जाएंगे। 

राज्य सरकार ने आगामी सिंहस्थ कुंभ मेले के लिए विभिन्न प्रकार की समितियां बनाई हैं। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक शीर्ष समिति का गठन किया गया है। वहीं मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक प्रशासनिक उच्चाधिकार समिति का गठन किया गया है जबकि ग्रामीण विकास मंत्री की अध्यक्षता में एक जिला स्तरीय समिति का गठन किया गया है। जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में कार्यकारिणी समिति की घोषणा की गई है। लेकिन कमेटी की घोषणा हो चुकी है, लेकिन स्थानीय स्तर पर इस कमेटी की जानकारी नहीं है।  समिति की अनुमति के बिना कार्य स्वीकृत नहीं किया जा सकता। इसलिए सिंहस्थ के कार्य स्थगित हैं। 

इस संबंध में नाशिक मनपा ने एक कदम आगे बढ़ाया है। सिंहस्थ योजना समन्वय समिति का गठन कर 11 हजार 117 करोड़ की परियोजना योजना का प्रारूप तैयार किया गया है। इस योजना को सरकार की शीर्ष समिति के समक्ष रखा जाएगा। इसके बाद कमेटी इसे मंजूरी देगी, लेकिन अभी तक कमेटी की कोई बैठक नहीं हुई है। इसलिए जल्द से जल्द बैठक कर मनपा के ड्राफ्ट प्लान को मंजूरी दे दी गई तो अगले 2 साल में सिंहस्थ के काम पूरे करने की योजना है। 

ये महत्वपूर्ण कार्य शामिल 
सिंहस्थ कुंभ मेले के लिए साधु-महंतों के साथ-साथ श्रद्धालुओं के लिए संचार और जल आपूर्ति व्यवस्था, साधुओं के लिए आवास व्यवस्था, स्वास्थ्य, बिजली प्रबंधन के साथ-साथ कानून व्यवस्था, परिवहन व्यवस्था की योजना बनाई जाएगी। तपोवन में साधु ग्राम का निर्माण मनपा के लिए एक महत्वपूर्ण कार्य है। यातायात की सुविधा के लिए आंतरिक एवं बाह्य रिंग रोड बनाए जाएंगे। इसके लिए बड़ी मात्रा में जमीन का अधिग्रहण करना होगा। जमीन अधिग्रहण और सड़क निर्माण में काफी वक्त लगेगा। इसलिए उम्मीद है कि समिति जल्द से जल्द बैठक करेगी और काम वास्तव में शुरू हो जाएगा। 

चुनाव के कारण काम में देरी 
अप्रैल और मई में लोकसभा चुनाव होंगे। इसके लिए फरवरी के अंत या मार्च के पहले सप्ताह तक लोकसभा चुनाव की आचार संहिता की जरूरत पड़ेगी। इसके बाद अक्टूबर और नवंबर महीने में विधानसभा चुनाव होंगे। उसके लिए भी 45 दिन यानी कुल 90 दिन की आचार संहिता लागू रहेगी। इसलिए चूंकि इस साल आचार संहिता के 90 दिन बीत जाएंगे, इसलिए सिंहस्थ का असली काम अगले साल ही शुरू होगा, ऐसा अधिकारियों का अनुमान है।