येवला में अतिक्रमण की वजह से बढ़ रही लोगों की परेशानी, प्रशासन मौन

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    येवला : येवला में हर दिन घंटों ट्रैफिक जाम होता है। इस ट्रैफिक जाम (Traffic Stuck) का मुख्य कारण रास्तों के अगल-बगल के अतिक्रमण (Encroachment) को बताया जा रहा है। ट्रैफिक जाम के कारण वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। येवला शहर का प्रवेश द्वार कहे जाने वाले विंचूर-चौफुली चौक में यातायात प्रभावित होने के पीछे का मुख्य कारण अतिक्रमण ही बताया जा रहा है। ट्रैफिक जाम होने के कारण जहां एक ओर वाहन चालकों (Drivers) को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, तो दूसरी ओर से ट्रैफिक जाम की वजह से राहगीरों (Passers-By) भी प्रभावित हो रहे हैं। अहमदनगर-मनमाड महामार्ग पार करके शहर के मुख्य मार्ग पर जाते समय वाहन चालकों को अपनी जान हथेली पर रखकर गुजरना पड़ रहा है। 

    फुटपाथ पर लग रहे दुकान 

    यातायात नियमों की देखरेख के लिए सिर्फ दो-तीन पुलिस कर्मचारी होने की वजह से यातायात नियंत्रित करना बहुत मुश्किल हो रहा है। यहां सुचारू रूप से यातायात संचालित होने में सबसे बड़ी बाधा फुटपाथ के साथ-साथ मुख्य रास्ते का अतिक्रमण है। फुटपाथ पर ही दुकानें लगने की वजह से वाहन चालकों और पैदल चलने वालों को बहुत परेशानी उठानी पड़ रही है। कृषि आय बाजार समिति परिसर में प्रवेश के लिए वाहनों के लिए एक ही रास्ता है। शहर की नई कॉलोनी में रहने वाले नागरिकों के लिए मुख्य गांव से आना-जाना किसी चुनौती से कम नहीं है। मुख्य सड़क का आधा हिस्सा अतिक्रमण की भेंट चढ़ गया है और राजनीतिक दल इस पर चुप्पी साधे हुए हैं। 

    दिन-ब-दिन समस्या बढ़ती जा रही 

    दोपहर के समय के ट्रैफिक जाम का कारण यह बताया जा रहा है, कि यहां रोजाना सैकड़ों ट्रैक्टर प्याज की आवक होती है। कोई यब मानने को तैयार ही नहीं कि अतिक्रमण के कारण हर दिन जाम की समस्या बढ़ती जा रही है। शाम के समय विभिन्न खाद्य पदार्थों की स्टाल लगने के कारण यहां से गुजरना भी मुश्किल हो जाता है। येवला-विंचूर, येवला-नाशिक जाने के लिए काले-पीले वाहनों में क्षमता से ज्यादा सवारियां भरी जाती हैं, इस संदर्भ में भी कोई कार्रवाई नहीं होती। 

    लोगों के लिए बड़ी मुसीबत

    चौफुली के चारों ओर एकतरफा यातायात बेवजह चल रहा है, क्योंकि फल-सब्जियों के विक्रेताओं ने सड़क पर स्टॉल लगा रखे हैं। दूसरी ओर आधी सड़क पर मालवाहक वाहनों का कब्जा है। हाथों पर हाथ रखकर चलने के लिए विंचूर चौफुली से मुख्य मार्ग के रास्ते में, कई व्यापारियों की ओर से सड़क पर स्टॉल लगाने के कारण गांव का रास्ता लगभग बंद सा हो गया है। विंचूर चौफुली से एसटी स्टैंड तक जाने वाली सड़क के किनारे चाइनीज गाड़ियां रहती हैं, जिससे वहां से गुजरने वाले लोगों को परेशानी होती है। सड़क की हालत तो पहले से ही खराब स्थिति में है, लेकिन जहां बिना खुदाई के सड़क की मरम्मत की गई है, वहां डिवाइडर के समानांतर सड़क पार करने से दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ गई है। सप्तश्रृंगी मंदिर से गुजरने वाली सड़क तक पहुंचने के लिए कुछ बाइक सवार चौफुली से गलत तरीके से सड़क पार कर अपनी जान जोखिम में डालते हैं। 

    अवैध यातायात को रोकना बहुत जरूरी

    कुछ वर्ष पहले विंचूर-चौफुली समेत अहमद नगर-मनमाड मार्ग के अतिक्रमण हटा दिए गए थे, लेकिन अतिक्रमण हटाने के 24 घंटे के बाद इस मार्ग पर अतिक्रमण फिर से खड़ा हो गया। विंचूर कोपरगांव जाने वाले अवैध यातायात को रोकना बहुत जरूरी हो गया है। क्या जनप्रतिनिधि ट्रैफिक जाम की इस समस्या की ओर ध्यान नहीं देते, यह सवाल स्थानीय जनता की ओर से लगातार उठाया जा रहा है। 

    ऐसे हल हो सकती है समस्या

    .विंचूर चौफुली में सिग्नल सिस्टम लागू किया जाए। 

    .बाजार समिति से तहसील कार्यालय तक फ्लाईओवर का निर्माण किया जाए। 

    .कृषि आय बाजार समिति को पीछे से वैकल्पिक रास्ते का निर्माण किया जाए। 

    .विंचूर और येवला से कोपरगांव जाने वाले काले और पीले वाहनों के लिए पार्किंग के लिए अलग से जगह उपलब्ध करायी जाए। 

    .सड़क पर मालवाहक वाहनों के व्यवसाय के लिए अलग से पार्किंग की व्यवस्था की जाए।