Prakash Ambedkar and Uddhav Thackeray
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मुंबई. शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने वंचित बहुजन आघाडी (वीबीए) प्रमुख प्रकाश आंबेडकर के उस फैसले को ‘एकतरफा’ और दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि शिवसेना (यूबीटी) के साथ वीबीए का गठबंधन अब अस्तित्व में नहीं है। राउत की यह टिप्पणी प्रकाश आंबेडकर के बयान के एक दिन बाद आयी है। राउत ने रविवार को यहां पत्रकारों से कहा कि जब एक साल से अधिक समय पहले उद्धव ठाकरे और प्रकाश आंबेडकर ने अपने गठबंधन की घोषणा की थी, तब आगामी लोकसभा चुनाव एजेंडे में नहीं था। उन्होंने कहा कि यह (गठबंधन) मूल रूप से विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनावों के लिए मिलकर काम कर रहा था।

शिवसेना (यूबीटी) नेता ने कहा, “गठबंधन अच्छे इरादों से किया गया था।” राउत ने कहा, “आंबेडकर को ऐसी घोषणा करने से पहले ठाकरे के साथ चर्चा करनी चाहिए थी। यह एकतरफा और दुर्भाग्यपूर्ण है।” उन्होंने कहा कि वीबीए प्रमुख को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए। राउत ने कहा कि एमवीए की ओर से प्रकाश आंबेडकर को महाराष्ट्र में दी गयी चार सीट की पेशकश अब भी बनी हुई है। महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीट पर पांच चरणों में 19 और 26 अप्रैल तथा सात, 13 और 20 मई को मतदान होगा और मतों की गिनती चार जून को होगी।

उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) और वीबीए ने पिछले साल जनवरी में गठबंधन की घोषणा की थी। प्रकाश आंबेडकर की वीबीए लोकसभा चुनाव के लिए महाविकास आघाडी (एमवीए) के तीन सहयोगियों- शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और एनसीपी (एससीपी) के साथ हाथ मिलाने पर विचार कर रही है। हालांकि, सहयोगी दलों के साथ सीट बंटवारे को लेकर बातचीत अब तक बेनतीजा रही है। प्रकाश आंबेडकर ने शनिवार को कहा कि वह 26 मार्च को अपने अगले कदम की घोषणा करेंगे।

उन्होंने आगामी चुनावों के लिए वीबीए और एमवीए के बीच बातचीत की स्थिति पर सीधा जवाब देने से परहेज किया। वीबीए प्रमुख ने यह भी दावा किया कि एमवीए सहयोगियों में आंतरिक कलह खत्म होती नहीं दिख रही है। उन्होंने दावा किया कि एमवीए ने उन्हें कभी भी चार सीट का प्रस्ताव नहीं दिया। कुछ दिन पहले, प्रकाश आंबेडकर ने अपनी पार्टी के प्रति ‘असमान रवैये’ के लिए शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (एसपी) से नाराजगी व्यक्त की थी और महाराष्ट्र में सात लोकसभा सीट पर एमवीए के तीसरे साथी- कांग्रेस- को समर्थन की पेशकश की थी। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस को वीबीए का प्रस्ताव न केवल एक ‘सद्भावना’ का प्रतीक है, बल्कि भविष्य के लिए संभावित गठबंधन के लिए ‘दोस्ताना हाथ’ आगे बढ़ाने का भी द्योतक है। प्रकाश आंबेडकर संविधान निर्माता डॉ. बी. आर. आंबेडकर के पौत्र हैं। (एजेंसी)