Rajendra Gavit Palghar

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नीता चौरे@नवभारत
पालघर:
2024 लोकसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है। पालघर लोकसभा क्षेत्र में चुनाव पांचवें चरण में 20 मई को होगा। जनप्रतिनिधि का काम होता है चुनाव जीतकर आने के बाद अपने क्षेत्र का विकास करना और अपने क्षेत्र की जनता को अच्छे से अच्छी सुविधाएं मुहैया कराना। तो क्या पालघर लोकसभा क्षेत्र में इन पांच सालों में ऐसा विकास हो पाया है ? क्या पालघर कि जनता को वो सारी सुविधाएं मिल पाई है? जो उनका अधिकार था, इन सभी सवालों को लेकर नवभारत ने पालघर की जनता से बात की और उनकी राय जानने की कोशिश की. जिस पर नागरिकों का कहना है कि इन पांच सालों में पालघर जिले की समस्या जस की तस हैं। यहां सालों साल से यह समस्या सुलझ नहीं पाई है।

साफ़ है जनता का विचार
पालघर जिले के नागरिकों का कहना है कि अबकी बार जो जनप्रतिनिधि चुनकर आये वो यहां की समस्याओं को प्राथमिकता देकर इस क्षेत्र की समस्याओं को हल करें। ना कि पहले वाले सांसदों की तरह अपनी राजनीतिक रोटी सेंकें।

सांसद राजेंद्र गावित जिले का विकास करने में फेल
नागेश वर्तक (सामाजिक कार्यकर्ता) का कहना है कि इस बार जो भी इस क्षेत्र में चुनकर आयेंगे। उन्होंने जिले में आरोग्य सुविधाओं से संबंधित समस्याएं, रेल समस्या- जैसे कि ट्रेनों की फ्रीक्वेंसी, जिले में चल रहे सरकारी प्रोजेक्ट में जिन लोगों की जमीने अधिग्रहीत की गयी हैं, उन्हे उसका सही मुआवजा दिलाने आदि जैसे कामों पर लक्ष्य केंद्रित कर इन समस्याओं को हल करने के लिये प्रयास करना चाहिये। आज भी यहां की जनता को स्वास्थ्य संबंधित समस्यांओं से जुझना पड रहा है। यहां सभी सुविधाओं वाला कोई अस्पताल नहीं है। इसलिये हम मानते हैं यहां के सांसद राजेंद्र गावित अपने क्षेत्र का विकास करने में पूरी तरह से फेल हो चुके हैं।

प्रथमेश प्रभूतोंडलकर (एडवोकेट) का कहना है कि पालघर जिले का निर्माण होकर लगभग 10 साल बीत चुके हैं। आज भी हम आरोग्य सुविधा, आवाजावी की व्यवस्था खासकर रेलवे सुविधा पाने के लिए तरस रहे हैं। मूलभूत सुविधाएं जनता को उपलब्ध करा कर देने में हमारे लोकप्रतिनिधी स्पेशल फेल हो चुके हैं। इस बार हम अपना बहुमूल्य वोट देते समय आरोग्य और रेलवे समस्याओं को प्राध्यान देने वाले लोकप्रतिनिधी का विचार करेंगे।

Palghar Rajendra gavit

डॉ.किरण सावे (प्राचार्य, सोनोपंत दांडेकर कॉलेज, पालघर) कहते हैं कि पालघर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का विचार करें तो यहां हमें एक ऐसा लोकप्रतिनिधि होना चाहिए जिसे पालघर जिले की विभिन्न समस्याओं की सटीक जानकारी हो। जो सागरी, डोंगरी और नागरी तीन हिस्सों में विभाजित जिले की समस्याओं को हल करने का प्रयास करे। मुंबई से सटे होने के कारण पालघर जिले का भौगोलिक स्थान अत्यंत महत्त्वपूर्ण और वैशिष्ट्यपूर्ण है। जिसे ध्यान में रखते हुए एक ऐसा जनप्रतिनिधि होना चाहिए जो जिले के समग्र विकास के लिए और समस्याओं को हल करने के लिए आगे आए।