ओरिगामी कला के तहत सील मछलियों की 2,111 प्रतिकृति बनाई

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    पुणे:  पुणे के सिम्बायोसिस स्कूल (Symbiosis School) के 9वीं के विद्यार्थी आर्यन काशीकर (Aryan Kashikar) ने ओरिगामी कला (Arigami Art) के माध्यम से रिकॉर्ड (Record) बनाने का प्रयास किया। पिछले 11 महीने के अथक प्रयासों से आर्यन ने कागज का उपयोग कर 2,111 से अधिक सील मछलियों की प्रतिकृति की अनोखी प्रदर्शनी प्रभात रोड के सिंम्बायोसिस स्कूल के बैडमिंटन कोर्ट पर लगाई गई है। लगभग 18 फुट बाय 36 फुट की जगह पर सभी प्रतिकृति साकार की गई। हर एक प्रतिकृति औसतन 3 इंच के आकार की थी।

    इसके पहले गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड 2,000 सील मछलियों की प्रतिकृति का रहा है। परीक्षक के तौर पर ओरिगामी कला के क्षेत्र में पिछले 25 वर्षों से कार्यरत और पुणे के ओरिगामी मित्र संस्था के मानद सदस्या स्वाति धर्माधिकारी, एड. श्रीकांत दलवी और एड. दिपाली डुंबरे ने काम देखा। आर्यन की मां प्रज्ञा काशीकर, पिता अमित काशीकर, प्रभात रोड स्थित सिंम्बायोसिस स्कूल की मुख्याध्यापिका वीणा हवनुरकर, सिंबायोसिस स्पोर्ट्स सेंटर के संचालक डॉ. एस. एस. ठिगले और प्रतिकृति के रचनाकार आशीष खलदकर इस समय उपस्थित थे।

    तिरंगे के रंग में प्रतिकृति साकार की

    हमारा देश इस साल आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। ऐसे में आर्यन ने प्रतिकृति को  खास तिरंगे के रंगों में रंगा था। सील मछली की प्रतिकृति साकार कर समुंद्री जीवन और पर्यावरण रक्षण का संदेश देने का भी प्रयास आर्यन ने किया।

    टीवी और मोबाइल से दूर रखने ओरिगामी की ओर मोड़ा

    आर्यन का कहना है कि उम्र के सातवें साल माता और पिता ने उसे इस कला से परिचित कराया। तब से उसे इस कला में रूचि होने लगी। उसके बाद यू-ट्यूब और पुणे के ओरिगामी मित्र के सहयोग से वह धीरे-धीरे उसे सीखने लगा। तब से वह इससे वस्तु बनाने लगा। साल 2019 में ओरिगामी मित्र और तिलक महाराष्ट्र विद्यापीठ की ओर से आयोजित चार दिवसीय प्रदर्शनी  वंडरफोल्ड में उसने हिस्सा लिया। तब प्रदर्शनी देखने आए कई लोगों ने उसका हौसला बढ़ाया। तब उसे वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने का ख्याल आया। इसलिए नया रिकार्ड बनाने का प्रयास उसकी ओर से किया गया। इसकी उसे खुशी है। आर्यन की मां  प्रज्ञा काशीकर ने कहा कि सच में कहें तो टीवी, मोबाइल से आर्यन को दूर रखने के मकसद से हमने आर्यन को ओरिगामी की ओर मोड़ा। पिछले 11 महीने आर्यन ने इसके लिए प्रयास किया। उसने अकेले बिना किसी मदद के 2,111 ओरिगामी कागजों के फोर्ल्डस बनाए।